अयोध्या इस वर्ष एक बार फिर दिव्य रोशनी से जगमगाने जा रही है। दीपोत्सव 2025 का आयोजन इस बार पहले से भी अधिक भव्य और ऐतिहासिक होने वाला है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में डॉ. राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय पूरे आयोजन की जिम्मेदारी संभाल रहा है। विश्वविद्यालय प्रशासन दीपोत्सव को न केवल एक कार्यक्रम, बल्कि आस्था, संस्कृति और भारतीय परंपरा के संगम के रूप में प्रस्तुत करने में जुटा है।
गुरुवार को विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. बिजेंद्र सिंह ने स्वयं राम की पैड़ी पहुंचकर तैयारियों का जायजा लिया। उन्होंने कहा, “दीपोत्सव केवल एक आयोजन नहीं, बल्कि यह हमारी आध्यात्मिक चेतना और सांस्कृतिक एकता का प्रतीक है।” सुबह 10 बजे विश्वविद्यालय परिसर से सात बसों में सैकड़ों स्वयंसेवक “जय श्री राम” के उद्घोष के साथ दीपोत्सव स्थल के लिए रवाना हुए। दीपोत्सव परिवहन समिति के समन्वयक प्रोफेसर अनूप कुमार के नेतृत्व में घाटों को दीयों से सजाने का कार्य तेजी से जारी है। इस बार 56 घाटों को पूरी तरह सजाया जा रहा है।
आयोजन के नोडल अधिकारी प्रो. अनूप कुमार ने बताया कि 18 अक्टूबर तक सभी तैयारियां पूरी कर ली जाएंगी, जबकि 19 अक्टूबर को दीपोत्सव के दिन घाटों पर 26.11 लाख दीपों को एक साथ प्रज्वलित कर नया विश्व रिकॉर्ड बनाया जाएगा। कुल 28 लाख दीप सजाने की तैयारी है ताकि किसी भी घाट पर कोई दीप बुझा न रहे। स्वयंसेवकों के लिए पहचान पत्र, टी-शर्ट और टोपी वितरित की जा रही हैं ताकि सभी एक समान वेश में नज़र आएं। युवाओं में इस आयोजन को लेकर गजब का उत्साह देखने को मिल रहा है।
कुलपति डॉ. बिजेंद्र सिंह ने कहा, “दीपोत्सव केवल अयोध्या की परंपरा नहीं, बल्कि यह भारत की सांस्कृतिक भावना का वैश्विक प्रदर्शन है। घाटों पर कार्यरत युवाओं की सेवा भावना इस आयोजन को सचमुच राममय अयोध्या की आत्मा बना रही है।” दीपोत्सव के दौरान सुरक्षा, यातायात और भीड़ नियंत्रण के लिए प्रशासन ने व्यापक तैयारियां की हैं। आयोजन समिति का लक्ष्य है कि अयोध्या एक बार फिर विश्व पटल पर सबसे बड़ा सांस्कृतिक उत्सव स्थल बनकर उभरे।





