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शुभ आरंभ, अक्षय फल और दिव्य अवतारों का दिन — जानिए अक्षय तृतीया की सम्पूर्ण महिमा

अक्षय तृतीया, जिसे अक्ति तृतीया भी कहा जाता है, हिन्दू पंचांग के अनुसार वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाई जाती है। यह तिथि 2025 में 31 april को पड़ रही है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार यह दिन मंगल, पुण्य और शुभ आरंभ के लिए सबसे उत्तम माना गया है। इस दिन जो भी कार्य प्रारंभ किया जाता है, वह अक्षय (कभी न खत्म होने वाला) फल देता है।

 पौराणिक और वैदिक महत्व:

अक्षय तृतीया का महत्व अनेक पुराणों और शास्त्रों में वर्णित है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन से सतयुग और त्रेतायुग की शुरुआत हुई थी। श्रीमद्भागवत महापुराण के अनुसार इस दिन भगवान विष्णु ने हयग्रीव अवतार लेकर वेदों की रक्षा की थी। साथ ही भगवान परशुराम का जन्म भी इसी तिथि को हुआ, जिन्होंने निरंकुश हो चुकी राजसत्ता पर अंकुश लगाया और धर्म की रक्षा की।

एक अन्य कथा के अनुसार, भगवान नर-नारायण का अवतार भी इसी तिथि को हुआ, जिनका तपस्वी जीवन मानवता के लिए आदर्श बना। उनकी कठोर तपस्या ने हमें यह सिखाया कि मन और इंद्रियों पर संयम रखकर जीवन को कितना उच्च बनाया जा सकता है।

 बद्रीनाथ धाम और अक्षय तृतीया:

अक्षय तृतीया के दिन ही बद्रीनाथ धाम के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोले जाते हैं। आदि गुरु शंकराचार्य ने इस दिन भगवान बद्रीनाथ के श्रीविग्रह को अलकनंदा नदी के कुंड से निकालकर मंदिर में स्थापित किया था। इसलिए यह दिन उत्तराखंड के चार धाम यात्रियों के लिए भी विशेष महत्व रखता है।

 बांके बिहारी जी और स्वामी हरिदास की कथा:

मथुरा-वृंदावन में संगीत सम्राट स्वामी हरिदास ने इस पावन तिथि को भगवान बांके बिहारी जी के विग्रह को प्राप्त कर उनकी प्रतिष्ठा की थी। मान्यता है कि केवल अक्षय तृतीया के दिन ही भगवान के चरणकमल के दर्शन होते हैं, अन्य दिनों ये वस्त्र से ढके रहते हैं।

 महाभारत और युगांत:

ऐसा माना जाता है कि महाभारत युद्ध का अंत और द्वापर युग का समापन भी अक्षय तृतीया को ही हुआ था। यह दिन साक्षी है धर्म-अधर्म की उस निर्णायक लड़ाई का, जिसने इतिहास की दिशा ही बदल दी।

क्या करें इस दिन:

धर्मसिंधु और निर्णयसिंधु जैसे ग्रंथों के अनुसार इस दिन दान, पूजन, जप, होम, स्नान, तप, तीर्थ यात्रा और व्रत करने से अक्षय फल की प्राप्ति होती है। लोग सोना, चांदी, अन्न या भूमि का क्रय करते हैं क्योंकि माना जाता है कि इस दिन किया गया निवेश कभी व्यर्थ नहीं जाता।

Sweta Sharma
Author: Sweta Sharma

I am Sweta Sharma, a dedicated reporter and content writer, specializes in uncovering truths and crafting compelling news, interviews, and features.

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