बिहार के 13 करोड़ लोगों का सपना चकनाचूर हो गया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव, निर्दलीय सांसद पप्पू यादव समेत राज्य के तमाम दलों के नेता बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की डिमांड करते रहे हैं। अब यह सपना ही रह जाएगा। सोमवार केा संसद के मॉनसून सत्र की कार्यवाही के दौरान यह डिमांड चकनाचूर हो गया है। वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने स्पष्ट शब्दों में कह दिया है कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा नहीं दिया जा सकता है।
संसद में दाखिल सवाल के जवाब में मंत्री पंकज चौधरी ने कहा कि पहले देश के कुछ राज्यों को विशेष राज्य का दर्जा मिल चुका है। विशेष श्रेणी का दर्जा राष्ट्रीय विकास परिषद (एनडीसी) की ओर से दिया जाता है। इसके लिए कुछ पैमाने तय किए गए हैं, जिसपर बिहार कहीं से भी खरा नहीं उतरता है। राष्ट्रीय विकास परिषद ने बिहार की डिमांड पर विचार किया है, जिसके बाद 30 मार्च 2012 को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत पेश की थी। विकास परिषद इस निष्कर्ष पर पहुंचा कि मौजूदा एनडीसी मानदंडों के आधार पर, बिहार के लिए विशेष राज्य के दर्जे का मामला नहीं बनता है।
मॉनसून सत्र शुरू होने से पहले एनडीए की बैठक में भी जेडीयू के राज्य सभा सांसद संजय कुमार झा ने भी बिहार को विशेष राज्य के दर्जे की डिमांड को उठाया है। इसके अलावा सोमवार को ही राज्य सभा में आरजेडी के सांसद मनोज झा ने भी इस मुद्दे को उठाया, लेकिन वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी के जवाब के बाद इस मांग पर विराम लगता दिख रहा है।

Author: Sweta Sharma
I am Sweta Sharma, a dedicated reporter and content writer, specializes in uncovering truths and crafting compelling news, interviews, and features.