उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जनपद के बड़ासू क्षेत्र में उस समय अफरातफरी मच गई जब केदारनाथ धाम की ओर जा रहा एक हेलिकॉप्टर अचानक सड़क पर लैंड कर गया। क्रिस्टल एविएशन प्राइवेट लिमिटेड के इस हेलिकॉप्टर में कुल पांच यात्री, एक पायलट और सह पायलट सवार थे। बताया जा रहा है कि टेकऑफ के कुछ ही क्षणों बाद तकनीकी खराबी के कारण आपात स्थिति उत्पन्न हो गई, जिसके बाद पायलट ने सूझबूझ से काम लेते हुए सड़क पर सुरक्षित लैंडिंग कराई।
घटना की जानकारी मिलते ही स्थानीय प्रशासन और पुलिस की टीमें मौके पर पहुंच गईं और यात्रियों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया। सह पायलट को हल्की चोटें आई हैं, जबकि बाकी सभी यात्री सुरक्षित हैं। यूकेडा (UCADA) की सीईओ सोनिका ने बताया कि हेलिकॉप्टर ने सिरसी से उड़ान भरी थी और बड़ासू हेलीपैड के नजदीक ही उसे एहतियातन सड़क पर लैंड करना पड़ा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि डीजीसीए (DGCA) को इस घटना की सूचना दे दी गई है और बाकी सभी शटल ऑपरेशन सामान्य रूप से चल रहे हैं।
पिछले हादसों से मिल रही चेतावनी
गौरतलब है कि केदारनाथ और गंगोत्री जैसे ऊंचाई वाले क्षेत्रों में पिछले कुछ समय में हेलिकॉप्टर हादसों की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं। बीते महीने केदारनाथ में लैंडिंग के दौरान ऋषिकेश एम्स की हेली एम्बुलेंस दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी। वहीं 8 मई को गंगोत्री धाम जा रहा एक हेलिकॉप्टर गंगनानी क्षेत्र में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था, जिसमें 6 लोगों की मौत हो गई थी और एक व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हुआ था।
गंगनानी हादसा इतना भयावह था कि हेलिकॉप्टर के दो टुकड़े हो गए थे और दो शव हेलिकॉप्टर में फंस गए थे, जिन्हें निकालने के लिए हेलिकॉप्टर को काटना पड़ा। करीब 200 मीटर गहरी खाई में रेस्क्यू अभियान चलाना भी बेहद चुनौतीपूर्ण रहा।
इन घटनाओं ने हेली सेवाओं की सुरक्षा मानकों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। हालांकि इस बार पायलट की सतर्कता ने एक बड़े हादसे को टाल दिया, लेकिन लगातार हो रही घटनाएं चिंता का विषय बनती जा रही हैं।

Author: Sweta Sharma
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