[the_ad id="4133"]
Home » धर्म » आदि कवि की जीवनगाथा और रामायण की अनमोल विरासत

आदि कवि की जीवनगाथा और रामायण की अनमोल विरासत

निश्चय टाइम्स, डेस्क। आज 07 अक्टूबर 2025 को देशभर में महर्षि वाल्मीकि जयंती बड़े ही श्रद्धा और आस्था के साथ मनाई जा रही है। भगवान श्रीराम की जीवनगाथा — रामायण — के रचयिता महर्षि वाल्मीकि को आदि कवि के रूप में जाना जाता है। उन्हें संस्कृत भाषा का प्रथम कवि माना जाता है और उनकी रचना रामायण भारतीय संस्कृति, मर्यादा और धर्म का अद्भुत ग्रंथ मानी जाती है। पौराणिक कथाओं के अनुसार महर्षि वाल्मीकि के बचपन का नाम रत्नाकर था। कहा जाता है कि वे एक समय अपने परिवार का पालन-पोषण करने के लिए वन में आने-जाने वाले यात्रियों को लूटा करते थे। एक दिन जब उन्होंने महर्षि नारद को लूटने का प्रयास किया, तब नारद मुनि ने उनसे पूछा कि क्या उनके पापों का फल उनके परिवार वाले भी बांटेंगे? जब रत्नाकर को यह ज्ञात हुआ कि कोई भी उनके पापों में सहभागी नहीं होगा, तो उनका अंतर्मन जाग उठा। उन्होंने नारद मुनि से मुक्ति का मार्ग पूछा और ईश्वर का नाम जपते हुए कठिन तपस्या प्रारंभ कर दी। कथा है कि अपने तप में वे इतने लीन हो गए कि दीमक ने उनके चारों ओर टीला बना लिया, और इसी कारण उनका नाम वाल्मीकि पड़ा — जिसका अर्थ है “दीमक के टीले से उत्पन्न”।

महर्षि वाल्मीकि को भगवान राम के युग का समकालीन माना जाता है। कहा जाता है कि माता सीता ने जब अयोध्या छोड़ दी थी, तब उन्होंने वाल्मीकि आश्रम में शरण ली थी। वहीं लव और कुश का जन्म हुआ, जिन्हें स्वयं वाल्मीकि ने रामायण का ज्ञान दिया। इन्हीं दोनों पुत्रों ने पहली बार रामायण का गान किया था। महर्षि वाल्मीकि का जीवन यह संदेश देता है कि सच्चा परिवर्तन संभव है — यदि व्यक्ति आत्मज्ञान और सत्य के मार्ग पर दृढ़ता से चल पड़े। उन्होंने दिखाया कि एक डाकू भी कठोर तप, भक्ति और आत्मबोध से महर्षि बन सकता है। आज वाल्मीकि जयंती पर देशभर में शोभायात्राएं, कीर्तन और सत्संग आयोजित किए जा रहे हैं। यह दिवस केवल एक कवि का जन्मोत्सव नहीं, बल्कि उस आत्मा का उत्सव है जिसने मानवता को सत्य, करुणा और धर्म के मार्ग पर चलने की प्रेरणा दी।

प्रधानमंत्री ने वाल्मीकि जयंती पर सभी को बधाई दी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वाल्मीकि जयंती के पावन अवसर पर देशवासियों को बधाई दी है। उन्होंने प्राचीन काल से ही भारतीय समाज और पारिवारिक जीवन पर महर्षि वाल्मीकि के पवित्र और आदर्श विचारों के गहन प्रभाव का उल्लेख किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि सामाजिक समरसता पर आधारित महर्षि वाल्मीकि की शिक्षाएं आज भी राष्ट्र को प्रेरित और आलोकित करती हैं।
प्रधानमंत्री ने एक्स पर अपनी पोस्ट में लिखा;
“सभी देशवासियों को महर्षि वाल्मीकि जयंती की हार्दिक शुभकामनाएं। प्राचीनकाल से ही हमारे समाज और परिवार पर उनके सात्विक और आदर्श विचारों का गहरा प्रभाव रहा है। सामाजिक समरसता पर आधारित उनके वैचारिक प्रकाशपुंज देशवासियों को सदैव आलोकित करते रहेंगे।”

ntuser1
Author: ntuser1

Share This

Post your reaction on this news

Leave a Comment

Social Media Auto Publish Powered By : XYZScripts.com