लखनऊ। उत्तर प्रदेश में लोक निर्माण विभाग (PWD) ने वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए आवंटित बजट में से 6,500 करोड़ रुपये सरेंडर कर दिए हैं। यह बजट पिछले वर्ष की तुलना में 3 प्रतिशत कम खर्च किया गया है। बताया जा रहा है कि कार्ययोजना में देरी और विभिन्न परियोजनाओं में अड़चनों के कारण यह बजट पूरी तरह से उपयोग नहीं हो पाया। वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए कुल 30,500 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया था, जिसमें से 6,500 करोड़ रुपये का उपयोग नहीं हो सका। यह 2023-24 में 19 प्रतिशत और आगामी वित्तीय वर्ष 2024-25 में अनुमानित 22 प्रतिशत बजट सरेंडर होने का संकेत देता है। इस स्थिति ने प्रदेश में अधूरी पड़ी निर्माण परियोजनाओं और उनके क्रियान्वयन की गति पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। मार्च 2024 में अकेले 3,950 करोड़ रुपये की वित्तीय स्वीकृतियां जारी की गईं, जो दर्शाता है कि विभाग ने परियोजनाओं को गति देने के लिए कदम उठाए हैं। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि योजनाओं के क्रियान्वयन में देरी और प्रशासनिक प्रक्रियाओं की जटिलताओं के कारण बजट का संपूर्ण उपयोग नहीं हो सका।
इस घटनाक्रम से यह भी स्पष्ट होता है कि आगामी वित्तीय वर्षों में बजट प्रबंधन और कार्ययोजनाओं की प्रभावशीलता को लेकर नए सिरे से रणनीति तैयार करने की आवश्यकता है।
Author: Sweta Sharma
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