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रोजगार से जोड़ने पर मिशन मोड में जुटी योगी सरकार

286 राजकीय आईटीआई में 1.84 लाख सीटें उपलब्ध

1510 अनुदेशक नियुक्त, 341 पदों का परिणाम जल्द

60 से अधिक नए आईटीआई की हुई स्थापना

5000 करोड़ की परियोजना से 150 आईटीआई का उन्नयन

भविष्य की तकनीकों में युवाओं को मिल रहा प्रशिक्षण

कौशल विकास मिशन से 14 लाख से अधिक युवा प्रशिक्षित

प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना से 1.20 लाख कारीगर लाभान्वित

रोजगार मेलों से अब तक 4.13 लाख युवाओं को नौकरी

प्रोजेक्ट प्रवीण से स्कूली छात्रों को मिल रहा कौशल प्रशिक्षण

निश्चय टाइम्स, लखनऊ। उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग, लखनऊ द्वारा वर्ष 2025 में घोषित अंतिम परिणामों में व्यावसायिक शिक्षा के चयनित विभिन्न व्यवसायों के 1510 अनुदेशकों को नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम का शुभारम्भ रविवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोक भवन स्थित ऑडिटोरियम में किया। इस अवसर पर प्रदेश के सभी जनपदों में भी भव्य कार्यक्रमों का आयोजन किया गया, जहां सांसद एवं विधायकगण सफल अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र प्रदान कर युवाओं के सपनों को साकार करने के साक्षी बने। उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश सरकार “सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास” के मंत्र के साथ निरंतर कार्यरत है। देश के सबसे अधिक युवाओं वाले प्रदेश की युवा आकांक्षाओं को देखते हुए उन्हें रोजगार और स्वरोजगार से जोड़ने को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है।
प्रदेश के व्यावसायिक शिक्षा, कौशल विकास एवं उद्यमशीलता राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कपिल देव अग्रवाल ने कार्यक्रम में कहा कि प्रशिक्षण क्षमता बढ़ाने के लिए प्रदेश के 286 राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में 92 व्यवसाय संचालित हैं, जिनमें 1,84,280 सीटें उपलब्ध हैं। इन संस्थानों में 7768 अनुदेशक के पद स्वीकृत हैं, जिनमें से 6577 नियमित और 1191 आउटसोर्सिंग के हैं। वर्ष 2022 में रिक्त 2406 पदों पर भर्ती प्रक्रिया अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के माध्यम से प्रारम्भ की गई थी, जिसके तहत 1510 अनुदेशकों का चयन हुआ है। शेष 341 पदों का परिणाम भी शीघ्र घोषित होने की संभावना है। इस प्रकार कुल 1851 चयनित अनुदेशक विभाग को प्राप्त होंगे, जिनसे राजकीय आईटीआई में गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण सुनिश्चित होगा।
प्रदेश सरकार ने बीते आठ वर्षों में 60 से अधिक नए राजकीय आईटीआई स्थापित कर संचालन प्रारम्भ कराया है। वर्तमान में 324 राजकीय आईटीआई के माध्यम से 82 ट्रेड में लगभग 1.84 लाख युवाओं को कौशल प्रशिक्षण उपलब्ध कराया जा रहा है। किसी भी इच्छुक युवा की आर्थिक स्थिति प्रशिक्षण में बाधा न बने, इसके लिए मासिक फीस मात्र 40 रुपए निर्धारित की गई है। साथ ही प्रदेश के लगभग 3000 निजी आईटीआई में 6 लाख सीटों पर प्रशिक्षण उपलब्ध है। यहां प्रवेश लेने वाले युवाओं को फीस प्रतिपूर्ति और छात्रवृत्ति की सुविधा भी दी जा रही है।
सरकार ने राजकीय आईटीआई को सुदृढ़ करने हेतु प्रधानाचार्यों के 150 से अधिक और प्रशिक्षकों के 1510 रिक्त पदों पर योग्य अभ्यर्थियों की नियुक्ति की है। इसके अतिरिक्त 900 से अधिक पद आउटसोर्सिंग के माध्यम से भरे गए हैं। भविष्य की तकनीकों जैसे सेमीकंडक्टर टेक्नोलॉजी, इलेक्ट्रिक व्हीकल, लेजर कटिंग, सीएनसी, थ्री डी प्रिंटिंग, डिजिटल कम्युनिकेशन आदि में युवाओं को प्रशिक्षित करने के लिए आईटीआई का उन्नयन किया जा रहा है।
इस दिशा में टाटा टेक्नोलॉजीज लि. एवं 18 विश्वस्तरीय कंपनियों के सहयोग से प्रथम चरण में 150 आईटीआई का उन्नयन किया गया, जिसके तहत 9 नए ट्रेड और 23 शॉर्ट टर्म कोर्स शुरू हुए हैं। इस परियोजना पर लगभग 5000 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं और हर वर्ष 15 हजार से अधिक युवा प्रशिक्षित हो रहे हैं। सफलता को देखते हुए 62 अन्य आईटीआई के उन्नयन को भी स्वीकृति दी गई है, जिस पर 3350 करोड़ रुपये व्यय होंगे।
प्रदेश के प्रत्येक इच्छुक युवा को उसके घर के नजदीक निःशुल्क कौशल प्रशिक्षण देने के लिए उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन सक्रिय है। पिछले आठ वर्षों में इस मिशन के माध्यम से 14 लाख से अधिक युवाओं को प्रशिक्षित किया गया है, जिनमें से 5.65 लाख को रोजगार और सेवायोजन से जोड़ा गया है। वर्तमान में 1000 से अधिक प्रशिक्षण पार्टनर्स के सहयोग से 350 से अधिक कोर्स संचालित हो रहे हैं। मिशन के तहत उद्योगों को सीधे जोड़ने के लिए फ्लेक्सी ट्रेनिंग पार्टनर्स की व्यवस्था शुरू की गई है। अब तक 33 औद्योगिक इकाइयों को जोड़ा गया है और प्रत्येक जनपद से 5 नई इकाइयों को अनुबंधित करने का लक्ष्य रखा गया है।
प्रदेश के युवाओं को विदेश में सेवायोजन उपलब्ध कराने के लिए “विदेश कामगार कौशल प्रशिक्षण एवं सेवायोजन योजना” प्रारम्भ करने पर विचार किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के अंतर्गत 1.20 लाख पारंपरिक कारीगरों को कौशल प्रशिक्षण और अर्ह लाभार्थियों को 1 लाख रूपए ब्याजमुक्त ऋण दिया गया है।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत प्रोजेक्ट प्रवीण कार्यक्रम माध्यमिक विद्यालयों में लागू किया गया है, जिसके अंतर्गत 600 से अधिक विद्यालयों में कक्षा 9 से 12 तक के छात्रों को प्रतिदिन 90 मिनट कौशल प्रशिक्षण दिया जा रहा है। अब तक 20 हजार छात्र-छात्राओं को राष्ट्रीय स्तर के प्रमाणपत्र प्रदान किए जा चुके हैं।
दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना के माध्यम से पिछले आठ वर्षों में 1.80 लाख ग्रामीण युवाओं को प्रशिक्षण दिया गया, जिनमें से 1.30 लाख को सेवायोजित किया गया। वहीं प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना के अंतर्गत 500 प्रतिष्ठित कंपनियों में 2.50 हजार से अधिक युवाओं की इंटर्नशिप प्रारम्भ की गई है, जिसमें उन्हें 5000 रूपए मासिक मानदेय दिया जा रहा है। रोजगार मेलों के माध्यम से भी प्रदेश में 1736 कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं, जिनमें 4.13 लाख से अधिक युवाओं को 2537 कंपनियों में नौकरी का अवसर मिला है।

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Author: ntuser1

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