प्रयागराज: महाकुंभ 2025 में अतीक अहमद को लेकर लगाए गए विवादित पोस्टर की चर्चा जोरों पर है। यह पोस्टर प्रयागराज के झूंसी कोतवाली क्षेत्र में महाकुंभ मेले के दौरान लगाया गया, जिसमें अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ के हत्यारों को ‘देवदूत’ बताया गया है।
पोस्टर पर लिखा गया था, “अतीक का आतंक मुक्त प्रथम प्रयागराज महाकुंभ” और इसके साथ अतीक अहमद की दो बड़ी तस्वीरें लगाई गई थीं, जिन पर क्रॉस का निशान बना हुआ था। यह पोस्टर राष्ट्रीय हिंदू दल संगठन द्वारा लगाया गया था, जिसमें हत्यारोपियों लवलेश तिवारी, अरुण मौर्य और सनी सिंह की तस्वीरें भी शामिल थीं।
पोस्टर में हत्यारोपियों को देवदूत के रूप में चित्रित किया गया, जिससे महाकुंभ मेले में तीव्र विवाद उत्पन्न हो गया। सोशल मीडिया पर भी इस पोस्टर की तस्वीरें तेजी से वायरल हो रही हैं, जिसमें राष्ट्रीय हिंदू दल संगठन के कार्यकर्ता और साधु-संत नजर आ रहे हैं।
पुलिस की त्वरित कार्रवाई
महाकुंभ एसएसपी राजेश द्विवेदी के निर्देश पर पोस्टर को तुरंत हटवा दिया गया। पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियां अब इस मामले की जांच कर रही हैं, ताकि यह पता लगाया जा सके कि इस पोस्टर के पीछे किसका हाथ है और इसके उद्देश्य क्या थे।
कुख्यात माफिया अतीक अहमद का इतिहास
अतीक अहमद उत्तर प्रदेश का एक कुख्यात माफिया था, जो राजनीति में भी सक्रिय था। वह समाजवादी पार्टी से सांसद और उत्तर प्रदेश विधानसभा का सदस्य रह चुका था। 15 अप्रैल 2023 को, अतीक और उसके भाई अशरफ को अस्पताल ले जाते समय तीन युवकों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी।
अतीक अहमद की हत्या के बाद देश की राजनीति में लंबे समय तक हलचल रही। सरकार की कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े हुए और इस घटना ने यूपी में माफिया राज के खिलाफ सरकार की मुहिम को भी उजागर किया।
महाकुंभ जैसे धार्मिक आयोजन में इस तरह का पोस्टर लगाना विवाद का कारण बन गया है। पुलिस और प्रशासन इस मामले पर सतर्क हैं, और जांच के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

Author: Sweta Sharma
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