निश्चय टाइम्स, बिहार। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का शनिवार को बिहार के कई विधानसभा क्षेत्रों में चुनावी सभाओं को संबोधित करने का कार्यक्रम था, लेकिन खराब मौसम के कारण उनका दौरा रद्द करना पड़ा। इसके बाद उन्होंने गोपालगंज और समस्तीपुर की सभाओं को वर्चुअल माध्यम से संबोधित किया। अपने संबोधन में शाह ने कहा कि यह चुनाव किसी एक प्रत्याशी की जीत-हार नहीं, बल्कि बिहार के भविष्य का चुनाव है। उन्होंने जनता से पूछा – “क्या बिहार को फिर से उन लोगों के हाथों में देना है जिन्होंने 15 साल तक जंगलराज फैलाया, या उन लोगों को सौंपना है जिन्होंने 20 साल तक सुशासन दिया?” अमित शाह ने कहा कि गोपालगंज के लोगों ने 2002 के बाद से कभी राजद को वोट नहीं दिया और उन्हें भरोसा है कि यह परंपरा इस बार भी जारी रहेगी। उन्होंने कहा कि साधु यादव के कारनामों से गोपालगंज की जनता भली-भांति परिचित है। गौरतलब है कि साधु यादव, पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के भाई और मीसा भारती के मामा हैं। उन पर 1999 में मीसा भारती की शादी के दौरान जबरन कारें उठवाने और शिल्पी-गौतम हत्याकांड जैसे गंभीर आरोप लगे थे। हाल में यह मामला तब फिर चर्चा में आया जब प्रशांत किशोर ने इस घटना में तत्कालीन राजद नेता और अब भाजपा के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी पर मिलीभगत का आरोप लगाया।
शाह ने अपने भाषण में राजद शासन के दौरान हुए नरसंहारों का भी उल्लेख किया और कहा कि उस दौर में मध्य बिहार के कई गांव नक्सली और जातीय हिंसा की आग में झुलसे थे। उन्होंने एनडीए सरकार के घोषणापत्र की प्रमुख बातों को दोहराते हुए कहा कि इसमें किसानों और महिलाओं के लिए बड़ी योजनाएं हैं। गृह मंत्री ने बताया कि हाल ही में प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 1.41 करोड़ ‘जीविका दीदियों’ के खातों में ₹10,000 जमा किए हैं और आगे हर दीदी को ₹2 लाख तक की सहायता दी जाएगी। वहीं, बिहार के 27 लाख किसानों को अब ₹6,000 की जगह ₹9,000 वार्षिक सहायता मिलेगी। उन्होंने यह भी घोषणा की कि राज्य की सभी बंद चीनी मिलें अगले पांच वर्षों में फिर से चालू की जाएंगी।




