52 मवेशियों की तड़प-तड़पकर जान गई
सोनभद्र जनपद में लगातार हो रही बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। शुक्रवार की शाम और रात को हुई तेज बारिश के साथ वज्रपात ने तबाही मचा दी। अलग-अलग क्षेत्रों में एक व्यक्ति की मौत हो गई जबकि 52 से अधिक मवेशी काल के गाल में समा गए। प्रशासन ने प्रभावित परिवारों और पशुपालकों को मुआवजे की प्रक्रिया शुरू करने की बात कही है।
पहली घटना चोपन थाना क्षेत्र के भभाइच गांव की है, जहां 50 वर्षीय सीताराम कोल की मौत वज्रपात की चपेट में आने से हो गई। जानकारी के अनुसार, शुक्रवार शाम करीब साढ़े छह बजे सीताराम खुले में शौच के लिए निकले थे। तभी अचानक तेज गर्जना के साथ बिजली गिरी और वह पास के नाले में औंधे मुंह गिर पड़े। काफी देर तक घर नहीं लौटने पर परिजन उनकी तलाश में निकले और करीब साढ़े सात बजे नाले में उनका शव पड़ा मिला। सूचना पर ग्राम प्रधान और पुलिस मौके पर पहुंचे और शव को कब्जे में लेकर आगे की कार्रवाई शुरू की। इस घटना से पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गई।
दूसरी बड़ी घटना रामगढ़ के मांची थाना क्षेत्र के पल्हारी गांव में हुई, जहां शुक्रवार देर रात करीब साढ़े नौ बजे वज्रपात से 50 भेड़ों की मौत हो गई। बताया गया कि प्रदीप पाल पुत्र राजेंद्र पाल ने अपने घर से लगभग 200 मीटर दूर पहाड़ी पर भेड़ों को बांधकर रखा था। रात में तेज बिजली गिरने से सभी भेड़ें मौके पर ही मर गईं। शनिवार सुबह जब पशुपालक भेड़ों को चराने पहुंचा, तो पूरी झुंड को मरा देखकर उसके होश उड़ गए। घटना की सूचना तत्काल पशुपालन विभाग और क्षेत्रीय लेखपाल को दी गई।
तीसरी घटना वैनी क्षेत्र के रायपुर स्थित सरईगढ़ ग्राम पंचायत के पिपराडीह टोला में घटी, जहां रमाकांत की दो भैंसें वज्रपात की चपेट में आकर मारी गईं। शुक्रवार को हो रही भारी बारिश के दौरान ये भैंसें बाहर बंधी हुई थीं। अचानक कड़कती बिजली उन पर गिरी और दोनों की मौके पर ही मौत हो गई।
लगातार हो रही बारिश और वज्रपात से ग्रामीणों में दहशत का माहौल है। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि खराब मौसम के दौरान खुले स्थानों पर न जाएं और पेड़ों या बिजली के खंभों के नीचे खड़े होने से बचें। वहीं, मृतक सीताराम कोल के परिवार को आर्थिक सहायता देने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है, जबकि मवेशियों की मौत का सर्वे पशुपालन विभाग द्वारा किया जा रहा है।
