उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में शुक्रवार को एक भावुक और विचलित कर देने वाली घटना सामने आई। फैजुल्लागंज की एक गर्भवती महिला ने झलकारीबाई महिला अस्पताल के गेट के बाहर ई-ऑटो में ही बच्चे को जन्म दे दिया। यह घटना न सिर्फ स्वास्थ्य व्यवस्था की असुविधाओं को उजागर करती है, बल्कि शहर के ट्रैफिक जाम की गंभीर समस्या पर भी सवाल उठाती है।
परिजनों के मुताबिक महिला को प्रसव पीड़ा शुक्रवार सुबह शुरू हुई थी। एंबुलेंस समय पर नहीं मिली, ऐसे में मजबूरी में उसे ई-ऑटो में झलकारीबाई महिला अस्पताल लाया गया। लेकिन ट्रैफिक इतना भीषण था कि अस्पताल पहुंचने में देरी हो गई। जब तक ई-ऑटो अस्पताल के मेन गेट तक पहुंचा, महिला का प्रसव शुरू हो गया और बीच सड़क पर ही उसने एक नवजात को जन्म दे दिया।
घटना की जानकारी मिलते ही अस्पताल की वॉर्ड आया और अन्य स्टाफ मौके पर पहुंचे। कर्मचारियों ने तत्परता दिखाते हुए ऑटो को चादर से ढक दिया और महिला को भीतर ले जाकर भर्ती किया। अस्पताल के सीएमएस डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने पुष्टि की कि महिला और नवजात दोनों फिलहाल स्वस्थ हैं। उन्होंने यह भी बताया कि फैजुल्लागंज से अस्पताल की दूरी और ट्रैफिक की स्थिति कारण बनी।
यह मामला सिर्फ एक महिला की तकलीफ नहीं, बल्कि शहर की बदहाल ट्रैफिक व्यवस्था की तस्वीर भी है। झलकारीबाई अस्पताल, सिविल हॉस्पिटल, बलरामपुर, और केजीएमयू जैसे बड़े अस्पतालों के आसपास ट्रैफिक जाम आम बात हो गई है। शनिवार और रविवार को NBT की पड़ताल में सामने आया कि एंबुलेंस तक घंटों जाम में फंसी रहती हैं।
सिविल अस्पताल में सीएमएस डॉ. राजेश श्रीवास्तव के अनुसार अब पार्किंग को पीछे शिफ्ट कर दिया गया है, लेकिन गेट के पास वाहन अब भी परेशानी का कारण हैं। केजीएमयू के ट्रॉमा सेंटर के पास स्थिति और खराब है। पार्किंग फुल होते ही लोग सड़क किनारे वाहन खड़ा कर देते हैं जिससे रास्ता संकरा हो जाता है |
Author: Sweta Sharma
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