गोरखपुर। उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में नौकरी के नाम पर युवतियों को बहला-फुसलाकर राजस्थान में बेचने वाले एक अंतरराज्यीय मानव तस्करी गिरोह का भंडाफोड़ हुआ है। पिपराइच पुलिस ने इस गिरोह के चार सदस्यों को गिरफ्तार किया है जबकि तीन आरोपी अब भी फरार हैं। यह कार्रवाई एक लापता युवती की शिकायत पर की गई, जिसने पूरे रैकेट की परतें खोल दीं।
पुलिस के मुताबिक, गोरखपुर के खरोबार क्षेत्र में आगरा का एक दंपती सनी सिंह और राधा सिंह किराए के मकान में रहकर गरीब और असहाय युवतियों को नौकरी का लालच देकर अपने जाल में फंसाता था। इस काम में सहजनवां की एक महिला भी इनकी मदद करती थी। युवतियों की सहमति मिलते ही गिरोह का अगला चरण सक्रिय हो जाता था। युवतियों को दिल्ली लाकर वहां से राजस्थान के किशनगढ़ स्थित बागचंद प्रजापति के घर ले जाया जाता, जहां उन्हें जबरन अविवाहित युवकों को बेच दिया जाता।
पुलिस ने गिरोह के चार सदस्यों — बागचंद प्रजापति (राजस्थान), सनी सिंह और उसकी पत्नी राधा सिंह (आगरा), और सरवन पुरी (हरमाड़ा, राजस्थान) को गिरफ्तार किया है। एक युवती की लापता होने की शिकायत के बाद पुलिस को सुराग मिला कि वह उनवला रेलवे स्टेशन पर देखी गई थी। पूछताछ में युवती ने पूरा मामला उजागर किया।
पीड़िता को जब सरवन पुरी को सौंपा गया, तो उसने शादी से इनकार कर दिया क्योंकि आरोपी की उम्र ज्यादा थी। किसी तरह युवती वहां से भाग निकली और फिर मामले का खुलासा हुआ।
पुलिस के अनुसार, गिरोह का नेटवर्क गोरखपुर, दिल्ली और राजस्थान तक फैला हुआ है। इस मामले में महाराजगंज का एक युवक भी शामिल है जो युवतियों को दिल्ली पहुंचाने का काम करता था। फिलहाल गिरोह के तीन सदस्य, जिनमें गोरखपुर की एक महिला भी शामिल है, फरार हैं। पुलिस का दावा है कि उन्हें जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
Author: Sweta Sharma
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