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त्रीसा जॉली-गायत्री गोपीचंद की जोड़ी ने सैयद मोदी इंटरनेशनल बैडमिंटन में जीता महिला युगल खिताब

लखनऊ। भारत की त्रीसा जॉली और गायत्री गोपीचंद की महिला युगल जोड़ी ने रविवार को यहां सैयद मोदी इंटरनेशनल बैडमिंटन टूर्नामेंट में बाओ ली जिंग और ली कियान की चीन की जोड़ी को सीधे गेम में हराकर अपना पहला सुपर 300 खिताब जीता। चीन में सत्र के अंत में होने वाले विश्व टूर फाइनल के लिए क्वालीफाई कर चुकी त्रीसा और गायत्री ने चीन की प्रतिद्वंद्वियों को महज 40 मिनट में 21-18, 21-11 से मात दी। राष्ट्रमंडल खेलों के कांस्य पदक विजेता जोड़ी के लिए यह जीत ऐतिहासिक है क्योंकि त्रीसा और गायत्री इस टूर्नामेंट में खिताब जीतने वाली पहली भारतीय महिला युगल जोड़ी बन गईं। यह जोड़ी 2022 चरण में उपविजेता रही थी। भारतीय जोड़ी ने मजबूत शुरुआत की और शुरुआती गेम में 4-0 की बढ़त बना ली।

हालांकि बाओ और ली ने वापसी की और 14-14 से मुकाबला काफी करीबी हो गया। चीन की खिलाड़ियों की गलतियों ने भारतीयों को 17-15 से आगे कर दिया। गायत्री के नेट पर फुर्तीले शॉट से भारतीय जोड़ी को दो गेम प्वाइंट हासिल करने में मदद मिली और उन्होंने पहला गेम जीत लिया। दूसरे गेम में त्रीसा और गायत्री ने ब्रेक तक 11-5 की बढ़त हासिल कर ली। भारतीयों ने लगातार शानदार रैलियों से अंतर 18-7 तक बढ़ा दिया। गायत्री के ताकतवर स्मैश से उन्हें 11 मैच प्वाइंट दिलाए और भारतीय जोड़ी ने खिताब अपने नाम कर लिया। भारत के पृथ्वी कृष्णमूर्ति रॉय और साई प्रतीक की पुरुष युगल जोड़ी तथा तनीषा क्रास्टो और ध्रुव कपिला की मिश्रित युगल टीम ने अपना अभियान उप विजेता के तौर पर समाप्त किया। पृथ्वी और साइ ने 71 मिनट तक चले पुरुष युगल फाइनल में कड़ी चुनौती पेश की लेकिन उन्हें चीन के हुआंग डि और लियू यांग से 14-21, 21-19, 17-21 से हार का मुंह देखना पड़ा।

इससे पहले पांचवी वरीयता प्राप्त तनीषा और ध्रुव की जोड़ी एक गेम की बढ़त गंवाकर मिश्रित युगल के फाइनल में थाईलैंड के डेचापोल पुआवारानुक्रोह और सुपिसारा पाएवसम्प्रान की जोड़ी से 21-18 14-21 8-21 से पराजित हो गई। पृथ्वी और साई ने पहले गेम में 8-8 की बराबरी हासिल की हुई थी लेकिन प्रतिद्वंद्वी जोड़ी ने पहला गेम जीत लिया। दूसरे गेम में वापसी करते हुए भारतीयों ने ब्रेक तक 11-7 से बढ़त बना ली और यह गेम हासिल कर स्कोर 1-1 से बराबर कर दिया। निर्णायक गेम में भारतीय जोड़ी ने साई के ताकतवर स्मैश की बदौलत 1-5 से उबरते हुए 7-7 से बराबरी प्राप्त की। लेकिन 17-18 का अंतर कम करने के बावजूद चीन की जोड़ी ने संयम बरतते हुए मैच जीत लिया।

मिश्रित युगल के फाइनल में तनीषा और ध्रुव 6-0 से आगे थे। पर थाईलैंड की जोड़ी ने वापसी करते हुए बढ़त 14-12 कर दी। दोनों जोड़ियां फिर 18-18 से बराबर थीं। तनीषा ने अहम मौके पर प्रतिद्वंद्वी खिलाड़ी के कमजोर रिटर्न का फायदा उठाया और पहला गेम भारतीयों की झोली में चला गया। दूसरे गेम में डेचापोल और सुपिसारा ने वापसी करते हुए 11-6 की बढ़त बना ली और मैच निर्णायक गेम तक ले गईं। तीसरे गेम में भारतीय जोड़ी की गलतियों का फायदा उठाते हुए थाईलैंड की जोड़ी ब्रेक तक 11-5 की बढ़त बनाने में कामयाब हो गई और फिर मुकाबला जीत लिया।

Admin Desk
Author: Admin Desk

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