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16 साल बाद सच की जीत : योगी आदित्यनाथ

  • मालेगांव विस्फोट केस में 16 साल बाद आए फैसले से देश की राजनीति में सियासी उबाल, भाजपा ने कहा – कांग्रेस देश से माफ़ी मांगे

निश्चय टाइम्स, डेस्क। 2008 के मालेगांव बम विस्फोट मामले में साध्वी प्रज्ञा ठाकुर समेत सातों आरोपियों को मुंबई की विशेष एनआईए अदालत ने बरी कर दिया। 16 वर्षों के बाद आए इस फैसले के बाद देश की राजनीति में बड़ा उबाल आ गया है। भाजपा नेताओं ने इस निर्णय को कांग्रेस की “भगवा आतंक” थ्योरी की हार बताया है, वहीं विपक्ष ने इसे न्यायिक प्रक्रिया पर सवाल उठाने का बहाना नहीं छोड़ा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने फैसले को “सत्यमेव जयते” की जीवंत उद्घोषणा बताया और एक्स पर लिखा कि “यह निर्णय कांग्रेस के भारत विरोधी, न्याय विरोधी और सनातन विरोधी चरित्र को पुनः उजागर करता है। भगवा आतंक जैसा झूठा शब्द गढ़कर कांग्रेस ने करोड़ों सनातन आस्थावानों को बदनाम किया। कांग्रेस को देश से सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए।”
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि “हिंदू और आतंक दो विपरीत अवधारणाएं हैं। हमारी संस्कृति कभी आतंकवाद को बढ़ावा नहीं देती। कांग्रेस के शासन में एक समुदाय को खुश करने के लिए ‘हिंदू आतंक’ जैसा शब्द गढ़ा गया।”
भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने कांग्रेस पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि “वोट बैंक के लिए कांग्रेस किसी भी हद तक जा सकती है। अदालत ने पाया कि न तो मोटरसाइकिल के कोई सबूत थे, न चेसिस नंबर, और गवाहों को बयान देने के लिए प्रताड़ित किया गया।”
सवाल यह भी उठ रहा है कि जिन आरोपियों को इतने साल प्रताड़ित किया गया, उन्हें न्याय कैसे मिलेगा? क्या कांग्रेस इस फैसले के बाद देश से माफी मांगेगी, जैसा भाजपा मांग रही है? और क्या सरकार झूठे केस दर्ज करने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई करेगी?

 

Sweta Sharma
Author: Sweta Sharma

I am Sweta Sharma, a dedicated reporter and content writer, specializes in uncovering truths and crafting compelling news, interviews, and features.

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