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उदयपुर में वन स्टेट, वन ग्लोबल डेस्टिनेशन विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन संपन्न

केन्द्रीय पर्यटन मंत्री ने अगले दशक तक भारत में 50 विश्व स्तरीय पर्यटन स्थलों के विकास की घोषणा की

नोएडा स्थित आईटी-सिटी के नजदीक लगभग 100 एकड़ भूमि पर निजी क्षेत्र के सहयोग से एक वृहद हास्पिटैलिटी हब को विकसित किया जाएगा-जयवीर सिंह

भारत सरकार की ओर से ‘वन स्टेट, वन ग्लोबल डेस्टिनेशन’ विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन (14-15 अक्टूबर) का आयोजन राजस्थान के उदयपुर में किया गया। केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की अध्यक्षता में संपन्न इस सम्मेलन में देशभर के राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के पर्यटन मंत्री एवं वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। केंद्रीय मंत्री ने उन्होंने अगले दशक में भारत में 50 विश्व स्तरीय पर्यटन स्थलों के विकास की घोषणा की।

पर्यटन मंत्रियों को संबोधित करते हुए केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा, वन स्टेट, वन ग्लोबल डेस्टिनेशन की अवधारणा आने वाले समय में भारत के पर्यटन क्षेत्र को नई दिशा और गति प्रदान करेगी। उन्होंने कहा कि देशवासियों को यह संकल्प लेना चाहिए कि पहले अपना घर देखें, फिर विदेश जाएं। उन्होंने राज्यों के सक्रिय दृष्टिकोण की सराहना करते हुए कहा कि उदयपुर में हुई चर्चा देश के पर्यटन क्षेत्र को नई दिशा देंगी। अगली बैठक में चयनित वैश्विक पर्यटन स्थलों के विकास योजनाओं को अंतिम रूप देने की संभावना है।

उत्तर प्रदेश की ओर से पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने गौतमबुद्ध नगर से जुड़े प्रस्ताव को पेश किया, जिसे सराहना मिली। उन्होंने बताया कि सम्मेलन में राज्य की पर्यटन संबंधी रणनीति प्रस्तुत की। उन्होंने बताया कि श्उत्तर प्रदेश सरकार ने हेरिटेज डेस्टिनेशन के साथ-साथ अर्बन टूरिज्म डेस्टिनेशन के विकास को भी प्राथमिकता दी है। इस दिशा में गौतमबुद्ध नगर को एक MICE टूरिज्म हब बैठकें, प्रोत्साहन सम्मेलन और प्रदर्शनियों के रूप में विकसित करने की विस्तृत कार्य योजना की रूपरेखा प्रस्तुत की गई। इस परियोजना के अंतर्गत नोएडा स्थित आईटी सिटी के समीप लगभग 100 एकड़ भूमि पर निजी क्षेत्र के सहयोग से एक वृहद हॉस्पिटैलिटी हब विकसित किया जाना प्रस्तावित है। साथ ही, मेडिकल टूरिज्म को प्रोत्साहन देने के लिए गौतमबुद्ध नगर में उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य एवं वेलनेस सुविधाओं के विस्तार की भी योजना बनाई गई है।

इसके अतिरिक्त, ओखला क्षेत्र के भौगोलिक एवं पर्यावरणीय महत्व को ध्यान में रखते हुए यहां एक ‘क्लाइमेट चेंज म्यूजियम’ की स्थापना का भी प्रस्ताव है। हॉस्पिटैलिटी इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा देते हुए लगभग 1,000 लोगों की क्षमता वाला अत्याधुनिक कन्वेंशन सेंटर भी निर्मित किया जाएगा, जो शोध प्रदर्शनियों और जन जागरूकता कार्यक्रमों का केंद्र बनेगा।

उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से ‘वन स्टेट, वन ग्लोबल डेस्टिनेशन’ परियोजना के तहत कालिंजर और सिद्धार्थनगर के लिए भी प्रस्ताव तैयार किए गए हैं, जो राज्य के सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और आधुनिक पर्यटन विकास के बहुआयामी दृष्टिकोण को दर्शाते हैं। उन्होंने सम्मेलन में कहा कि समर्थ आत्मनिर्भर तथा विकसित भारत के परिकल्पना को पूरा करने में पर्यटन विभाग की अहम भूमिका होगी। इसलिए इस दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन में केन्द्रीय मंत्री एवं विभिन्न राज्यों के पर्यटन मंत्रियों ने पर्यटन क्षेत्र के विस्तार, नए क्षेत्रों की तलाश पर गंभीर चिन्तन मनन किया। इस सम्मेलन के दुगार्मी परिणाम दिखेंगे।

प्रमुख सचिव पर्यटन, संस्कृति एवं धर्मार्थ कार्य उ0प्र0 अमृत अभिजात ने कहा कि एक राज्य, एक वैश्विक गंतव्य पहल भारत में पर्यटन विकास के लिए एक नया मानक स्थापित करेगी। उत्तर प्रदेश ने पहले ही आध्यात्मिक पर्यटन के क्षेत्र में अपनी पहचान बनाई है। अब राज्य का लक्ष्य शहरी एवं आधुनिक पर्यटन को बढ़ावा देकर हर पर्यटक के लिए एक समग्र और आकर्षक गंतव्य स्थापित करना है।

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Author: ntuser1

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