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आयुर्वेद आधारित बाल चिकित्सा स्वास्थ्य पर दो दिवसीय संगोष्ठी कल से शुरू होगी

निश्चय टाइम्स, डेस्क।आयुष मंत्रालय के तहत एक स्वायत्त संगठन, राष्ट्रीय आयुर्वेद विद्यापीठ (आरएवी) 18-19 अगस्त 2025 को स्कोप कॉम्प्लेक्स सभागार, लोधी रोड, नई दिल्ली में “आयुर्वेद के माध्यम से बाल चिकित्सा में रोग एवं स्वास्थ्य प्रबंधन” विषय पर अपनी 30वीं राष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित करेगा।

दो दिवसीय संगोष्ठी में प्रसिद्ध विद्वान, चिकित्सक, शोधकर्ता और छात्र बाल स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए पारंपरिक आयुर्वेदिक दृष्टिकोण और समकालीन साक्ष्य-आधारित प्रणाली पर विचार-विमर्श करने के लिए एक मंच पर आएंगे।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक स्वस्थ समाज के निर्माण में पारंपरिक चिकित्सा के महत्व का बार-बार उल्लेख किया है। उन्होंने कहा, ‘‘आयुष केवल एक चिकित्सा पद्धति नहीं है बल्कि यह जीवन के प्रति एक समग्र दृष्टिकोण है। आयुर्वेद और अन्य पारंपरिक पद्धतियों को आधुनिक स्वास्थ्य सेवा के साथ एकीकृत करके, हम समाज के हर वर्ग, विशेषकर हमारे बच्चों जो राष्ट्र का भविष्य हैं, उनका स्वास्थ्य सुनिश्चित कर सकते हैं।’’

आयुष मंत्रालय के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के राज्य मंत्री, प्रतापराव गणपतराव जाधव ने आयुर्वेद के माध्यम से समग्र बाल स्वास्थ्य सेवा को बढ़ावा देने वाली पहलों का हमेशा से पुरजोर समर्थन किया है। उन्होंने कहा, ‘‘आयुर्वेद ने हमेशा एक स्वस्थ समाज की नींव के रूप में बच्चों के स्वास्थ्य पर जोर दिया है। बाल चिकित्सा देखभाल पर आरएवी की आगामी राष्ट्रीय संगोष्ठी, बाल रोग प्रबंधन और स्वास्थ्य संवर्धन दोनों के प्रति आयुर्वेद के समग्र दृष्टिकोण को दर्शाने की एक सामयिक पहल है। मुझे विश्वास है कि कल और परसों होने वाले विचार-विमर्श चिकित्सकों, शोधकर्ताओं और छात्रों की जानकारी को समृद्ध करेंगे और आयुर्वेद के माध्यम से बाल चिकित्सा स्वास्थ्य सेवा को आगे बढ़ाने में योगदान देंगे।’’

आयुष मंत्रालय के सचिव और पद्मश्री से सम्मानित वैद्य राजेश कोटेचा ने अकादमिक आदान-प्रदान और व्यावसायिक विकास के लिए मंच तैयार करने के आरएवी के प्रयासों को निरंतर प्रोत्साहित किया है। उन्होंने कहा, ‘‘राष्ट्रीय आयुर्वेद विद्यापीठ की 30वीं राष्ट्रीय संगोष्ठी आयुर्वेद बिरादरी को एक मंच पर लाने का एक बहुमूल्य अवसर है। कल से शुरू होने वाली संगोष्ठी की प्रतीक्षा करते हुए मुझे आशा है कि चर्चाएं नए दृष्टिकोणों को प्रेरित करेंगी, साक्ष्य-आधारित प्रणालियों को मजबूत करेंगी और आयुर्वेदिक बाल चिकित्सा के क्षेत्र में व्यापक सहयोग को प्रोत्साहित करेंगी। ऐसी पहल प्राचीन ज्ञान और आधुनिक स्वास्थ्य सेवा आवश्यकताओं के बीच सेतु बनाने में मदद करती हैं।’’

Sweta Sharma
Author: Sweta Sharma

I am Sweta Sharma, a dedicated reporter and content writer, specializes in uncovering truths and crafting compelling news, interviews, and features.

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