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उदयपुर तेंदुआ हमला: सुप्रीम कोर्ट का ‘शूट एट साइट’ आदेश पर फैसला

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने उदयपुर के ‘आदमखोर’ तेंदुए को देखते ही गोली मारने के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया है। राजस्थान वन विभाग द्वारा जारी किए गए इस आदेश को लेकर कोर्ट में याचिका दायर की गई थी, जिसमें तेंदुए की पहचान और उसके सुरक्षित पकड़ने के उपायों पर सवाल उठाए गए थे। कोर्ट ने सुनवाई के बाद याचिकाकर्ता को राजस्थान हाई कोर्ट जाने की छूट दी है।
‘आदमखोर’ तेंदुए पर शूट एट साइट का आदेश
राजस्थान वन विभाग ने 1 अक्टूबर को उदयपुर के आदमखोर तेंदुए को देखते ही गोली मारने का आदेश जारी किया था। तेंदुआ अब तक सात लोगों की जान ले चुका है, जिसके बाद यह कदम उठाया गया। विभाग का कहना है कि तेंदुए ने पहले इंसानों पर हमला किया, उनके हाथ काटे और फिर गर्दन पर हमला कर उनकी जान ली है। इस घटना से इलाके में जनता में भारी दहशत फैल गई है। इसी कारण वन विभाग ने राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) की गाइडलाइंस के तहत ‘शूट एट साइट’ का फैसला लिया।
सुप्रीम कोर्ट में उठे सवाल – तेंदुए की पहचान कैसे होगी?
याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट में इस आदेश पर सवाल उठाते हुए कहा, “आखिर कैसे तेंदुए की पहचान की जाएगी कि वह आदमखोर है या नहीं? इस आदेश से अन्य जंगली जानवरों, खासकर बाघों को भी खतरा हो सकता है। लोग बंदूकों के साथ जंगलों में घूम रहे हैं, जबकि उनके पास ट्रैंक्विलाइजर गन होनी चाहिए।” याचिकाकर्ता ने कोर्ट से यह सुनिश्चित करने की मांग की कि तेंदुओं को बिना उचित पहचान के मारा न जाए।
पहले पकड़ने की कोशिश, फिर शूट का विकल्प
राजस्थान के अतिरिक्त महाधिवक्ता (AAG) शिव मंगल शर्मा ने राज्य की ओर से सुप्रीम कोर्ट को आश्वस्त किया कि तेंदुए को पकड़ने की पूरी कोशिश की जाएगी, और केवल अंतिम उपाय के रूप में ही उसे मारा जाएगा। उन्होंने कहा कि तेंदुए की पहचान कर ली गई है और विभागीय आदेश में भी पहले उसे पकड़ने का निर्देश है। लेकिन अगर सभी कोशिशें विफल होती हैं, तभी शूट एट साइट का फैसला लागू किया जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट का फैसला
जस्टिस भूषण आर गवई, जस्टिस के वी विश्वनाथन और जस्टिस प्रशांत मिश्र की बेंच ने याचिका पर सुनवाई के बाद संविधान के आर्टिकल-32 के तहत विचार करने से इनकार कर दिया। हालांकि, कोर्ट ने याचिकाकर्ता अजय दुबे को यह छूट दी कि वह इस मामले को लेकर राजस्थान हाई कोर्ट जा सकते हैं।उदयपुर में आदमखोर तेंदुए के हमले से सात लोगों की मौत के बाद वन विभाग ने ‘शूट एट साइट’ का आदेश जारी किया था, जिसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी। कोर्ट ने इस आदेश को खारिज कर दिया है, लेकिन याचिकाकर्ता को राजस्थान हाई कोर्ट में याचिका दायर करने की छूट दी है। तेंदुए के खतरे को देखते हुए, विभाग पहले उसे पकड़ने की कोशिश करेगा, और केवल आखिरी विकल्प के रूप में उसे मारा जाएगा।
Sweta Sharma
Author: Sweta Sharma

I am Sweta Sharma, a dedicated reporter and content writer, specializes in uncovering truths and crafting compelling news, interviews, and features.

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