योगी सरकार द्वारा लाए गए नजूल संपत्ति अधिनियम 2024 को लेकर NDA में ही रार देखने को मिल रही है. केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने इस बिल को गैर जरूरी बताते हुए कहा कि बिना व्यापक चर्चा के हड़बड़ी में लाया गया है. इस बिल को तुरंत वापस लेना चाहिए। उधर विधानसभा में विपक्ष के हंगामे के बाद बिल तो पास पास हो गया लेकिन विधान परिषद में खुद बीजेपी एमएलसी ने इसे लटका दिया जिसकी वजह से पास नहीं हो सका. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष और एमएलसी भूपेंद्र चौधरी ने विधान परिषद में इस बिल को प्रवर समिति को भेजने की मांग कर दी. जिसके बाद बिल को प्रवर समिति को भेज दिया गया. अब प्रवर समिति विधेयक का अध्ययन कर दो महीने में अपनी रिपोर्ट देगी.
दरअसल, केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म X पर इस बिल को लेकर अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए लिखा, ” नजूल भूमि संबंधी विधेयक को विमर्श के लिए विधान परिषद की प्रवर समिति को आज भेज दिया गया है. व्यापक विमर्श के बिना लाये गये नजूल भूमि संबंधी विधेयक के बारे में मेरा स्पष्ट मानना है कि यह विधेयक न सिर्फ़ ग़ैरज़रूरी है बल्कि आम जन मानस की भावनाओं के विपरीत भी है. उत्तर प्रदेश सरकार को इस विधेयक को तत्काल वापस लेना चाहिए और इस मामले में जिन अधिकारियों ने गुमराह किया है उनके ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई होनी चाहिए.”
इतना ही नहीं विधानसभा में भी इस बिल को लेकर विपक्ष के साथ ही सत्ता पक्ष के विधायकों ने विरोध किया. हालांकि सरकार ने इसे पास करवा लिया। लेकिन विधान परिषद ‘ सरकार से बड़ा संगठन’ का दावा सही साबित हुआ. प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने इस बिल को प्रवर समिति को भेजने की सिफारिश कर दी. जिसकी वजह से बिल अटक गया. अब प्रवर समिति इसका अध्ययन कर बदलाव के सुझाव के साथ अपनी रिपोर्ट देगी.

Author: Sweta Sharma
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