लखनऊ: केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री, डॉ. वीरेंद्र कुमार ने आज बुलंदशहर के नुमाइश ग्राउंड में आयोजित ‘सामाजिक अधिकारिता शिविर’ का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने देशभर के 75 वितरण शिविरों का भी डिजिटल माध्यम से वर्चुअल उद्घाटन किया। यह शिविर विशेष रूप से दिव्यांगजनों को सशक्त बनाने के उद्देश्य से आयोजित किए गए हैं, जिसमें 9,000 से अधिक पूर्व-चिह्नित दिव्यांगजनों को नि:शुल्क सहायक उपकरण वितरित किए जाएंगे।
मंत्री के वक्तव्य और प्रमुख घोषणाएं
डॉ. वीरेंद्र कुमार ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बताया कि शैक्षणिक सशक्तिकरण की दिशा में सरकार ने अब तक 2.68 लाख दिव्यांग छात्रों को छात्रवृत्ति योजना के तहत ₹871.79 करोड़ की सहायता प्रदान की है। इसमें से उत्तर प्रदेश में 49,717 दिव्यांग छात्रों को ₹219.57 करोड़ की छात्रवृत्ति दी गई है।
उन्होंने कौशल विकास के क्षेत्र में किए गए प्रयासों का भी जिक्र किया, जिसमें 1.41 लाख दिव्यांगजनों को प्रशिक्षण प्रदान किया गया है, जिस पर ₹147.76 करोड़ खर्च हुए हैं। उत्तर प्रदेश में अब तक 27,441 दिव्यांगजनों को ₹28.65 करोड़ की लागत से प्रशिक्षित किया गया है।
UDID और ISL डिक्शनरी की महत्वपूर्ण भूमिका
डॉ. वीरेंद्र कुमार ने दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण के लिए एक केंद्रीकृत डाटाबेस, विशिष्ट दिव्यांगता पहचान पत्र (UDID) की प्रगति पर भी चर्चा की। अब तक 1 करोड़ 11 लाख से अधिक UDID कार्ड जारी किए जा चुके हैं। इसके अलावा, भारतीय सांकेतिक भाषा (ISL) के अनुसंधान एवं प्रशिक्षण के लिए दिल्ली में एक संस्थान स्थापित किया गया है, जहां 10,000 शब्दों की ISL डिक्शनरी विकसित की गई है।
एलिम्को का आधुनिकीकरण और दिव्यांग खेल केंद्र
उन्होंने कानपुर स्थित एलिम्को (Artificial Limbs Manufacturing Corporation of India) के ₹338 करोड़ के आधुनिकीकरण का जिक्र किया, जिससे सहायक उपकरणों के उत्पादन में वृद्धि होगी और उनकी गुणवत्ता में सुधार होगा। इसके साथ ही, ग्वालियर में ₹171 करोड़ की लागत से एक दिव्यांगता खेल केंद्र की स्थापना की जा रही है, जहां दिव्यांग खिलाड़ी विश्व स्तरीय प्रशिक्षण प्राप्त कर सकेंगे।
शिविर का आयोजन और स्वच्छता शपथ
इस शिविर का आयोजन केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग और एलिम्को के सहयोग से किया गया। बुलंदशहर के इस कार्यक्रम में 429 दिव्यांग लाभार्थियों को ₹1 करोड़ 4 लाख से अधिक के सहायक उपकरण, जैसे मोटराइज्ड ट्राइसाइकिल, व्हीलचेयर, बैशाखी, वॉकिंग स्टिक, ब्रेलकिट, और कृत्रिम अंग प्रदान किए गए।
कार्यक्रम के अंत में, स्वच्छता पखवाड़ा के तहत केंद्रीय मंत्री ने सभी उपस्थित लोगों को स्वच्छता शपथ दिलाई, जो स्वच्छता और स्वास्थ्य के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
यह शिविर भारत सरकार की दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण की प्रतिबद्धता का प्रमाण है, जो उन्हें आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
