लखनऊ। उत्तर प्रदेश, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में, पर्यटन क्षेत्र में लगातार प्रगति कर रहा है। सरकार की पहल और बेहतर सुविधाओं के साथ, राज्य अब देश और विदेश के पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बन चुका है। पिछले आठ वर्षों में राज्य में पर्यटकों की संख्या में ऐतिहासिक वृद्धि देखी गई है, और अब उत्तर प्रदेश घरेलू पर्यटन में 2022 से लगातार पहले स्थान पर है। वहीं, 2017 में जहां लगभग 24 करोड़ पर्यटक आए थे, वहीं 2024 में यह संख्या बढ़कर लगभग 65 करोड़ हो गई है।
प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने जानकारी दी कि राज्य में 12 मेगा पर्यटन सर्किट विकसित किए गए हैं, जो ऐतिहासिक, सांस्कृतिक, धार्मिक और प्राकृतिक धरोहरों से सजे हुए हैं। इन सर्किटों में बुंदेलखंड के किले, थारू जनजातीय संस्कृति, नैमिषारण्य, श्रावस्ती, दुधवा और विन्ध्य वन्यजीव अभयारण्यों जैसे स्थान शामिल हैं, जो पर्यटकों को एक नई और आकर्षक यात्रा का अनुभव प्रदान कर रहे हैं।
पर्यटन मंत्री ने यह भी बताया कि 2024 में 538 पर्यटक आकर्षण केंद्रों और 678 विभागीय परिसंपत्तियों को पीएम गति शक्ति पोर्टल पर अपलोड किया गया, जिससे राज्य के पर्यटन क्षेत्र को और अधिक प्रोत्साहन मिला है। प्रदेश में होटलों की स्टार ग्रेडिंग व्यवस्था को भी लागू किया गया है, जिससे पर्यटकों को बेहतर सुविधा मिल रही है।
उत्तर प्रदेश सरकार ने पर्यटन के विविध आयामों को बढ़ावा देने के लिए चिकित्सा पर्यटन, इको टूरिज्म, वेलनेस टूरिज्म, ग्रामीण पर्यटन, युवा पर्यटन और आध्यात्मिक पर्यटन को प्राथमिकता दी है। प्रमुख स्थलों का समुचित और समेकित विकास किया जा रहा है, जैसे मथुरा, वृंदावन, अयोध्या, प्रयागराज, चित्रकूट और कुशीनगर।
पर्यटन विभाग ने पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) नीति के तहत रोप-वे परियोजनाओं को भी शुरू किया है। चित्रकूट, अष्टभुजा और कालीखोह में रोप-वे परियोजनाएं सफलतापूर्वक संचालित हो रही हैं। इसके अलावा, प्रदेश में जल आधारित पर्यटन और साहसिक क्रीड़ा को बढ़ावा देने के लिए नई नीति बनाई गई है।

Author: Sweta Sharma
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