उन्नाव और कानपुर को जोड़ने वाला शुक्लागंज गंगा घाट का अंग्रेजों के जमाने का पुल मंगलवार को गंगा में समा गया। पुल का 9 और 10 नंबर पिलर टूटकर नदी में गिर गया। यह पुल तीन साल से बंद था, जिससे किसी बड़े हादसे से बचाव हो गया।
175 साल पुराना पुल गंगा में समाया
यह ऐतिहासिक पुल 175 साल पुराना था और लॉकडाउन के दौरान इसकी स्थिति खराब होने पर इसे 2021 में बंद कर दिया गया था। प्रशासन ने पुल को बंद करने के लिए दोनों ओर दीवारें खड़ी कर दी थीं। पुल का जर्जर हिस्सा, खासतौर पर 9 और 10 नंबर पिलर, मंगलवार को अचानक टूटकर नदी में गिर गया।
इंजीनियरों की रिपोर्ट और मरम्मत की अनदेखी
इस पुल को फिर से चालू करने के लिए दिल्ली से इंजीनियर बुलाए गए थे। मरम्मत के लिए लगभग 30 करोड़ रुपये की लागत का अनुमान था, लेकिन इस ओर ज्यादा ध्यान नहीं दिया गया। कुछ दिन पहले पुल को पिकनिक स्पॉट बनाने की योजना पर विचार हो रहा था। यदि ऐसा होता, तो यह हादसा गंभीर रूप ले सकता था।
फिल्मों की शूटिंग का केंद्र
यह पुल केवल यातायात का साधन ही नहीं, बल्कि कई फिल्मों की शूटिंग का भी केंद्र रहा है। लोक निर्माण विभाग द्वारा 2021 में डीएम को सौंपी गई रिपोर्ट में पुल की जर्जर स्थिति का जिक्र किया गया था। रिपोर्ट के आधार पर इसे बंद कर दिया गया था।
चर्चा में रहने वाला पुल
यह पुल न केवल अपनी ऐतिहासिकता बल्कि अपनी खराब स्थिति के कारण भी चर्चा का विषय बना रहा। लाखों लोग इस पुल का उपयोग करते थे। हालांकि, पिछले तीन साल से बंद होने के बाद इसे नजरअंदाज कर दिया गया, जो अंततः इसके गिरने का कारण बना।यह हादसा प्रशासन की अनदेखी और रखरखाव की कमी का नतीजा है। गंगा में पुल का गिरना इस बात की चेतावनी है कि जर्जर संरचनाओं को नजरअंदाज करना गंभीर परिणाम दे सकता है।

Author: Sweta Sharma
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