लखनऊ: उत्तर प्रदेश में नौ विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनावों के लिए 13 नवंबर की तिथि निर्धारित की गई है, लेकिन भाजपा और उसकी सहयोगी राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) ने इस तारीख को बदलने की मांग की है। दोनों पार्टियों के प्रतिनिधिमंडलों ने बृहस्पतिवार को राज्य निर्वाचन अधिकारी से मुलाकात कर 20 नवंबर को मतदान कराने का अनुरोध किया।
मतदान तिथि बदलने की मांग क्यों?
भाजपा और रालोद ने अपनी मांग में कहा है कि 15 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा का स्नान पर्व है, जिस दौरान कुंदरकी, मीरापुर, गाजियाबाद और प्रयागराज जैसे क्षेत्रों में मेलों का आयोजन होता है। इस अवसर पर बड़ी संख्या में लोग 3-4 दिन पहले ही मेला स्थल की ओर रवाना हो जाते हैं। ऐसे में, 13 नवंबर को होने वाले मतदान में बड़ी संख्या में मतदाता वोट देने से वंचित रह सकते हैं। इसी कारण से, दोनों दलों ने मतदान तिथि को 20 नवंबर करने का प्रस्ताव दिया है।
भाजपा के प्रतिनिधिमंडल में प्रदेश महामंत्री गोविंद नारायण शुक्ला, संजय राय, राम प्रताप सिंह चौहान और संपर्क विभाग के संयोजक अखिलेश कुमार अवस्थी शामिल थे। वहीं, रालोद की ओर से प्रवक्ता अनिल दुबे, महासचिव मनोज सिंह चौहान, सचिव प्रमोद शुक्ला और सह मीडिया प्रभारी मयंक त्रिवेदी ने भाग लिया।
मिल्कीपुर सीट का मामला: एक हफ्ते के लिए टला फैसला
अयोध्या जिले की मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव की घोषणा फिलहाल टाल दी गई है। इस सीट पर 2022 विधानसभा चुनाव के बाद समाजवादी पार्टी (सपा) नेता अवधेश प्रसाद के खिलाफ दायर चुनाव याचिका लंबित है। भाजपा नेता बाबा गोरखनाथ ने यह याचिका वापस लेने की अपील की थी, जिस पर बृहस्पतिवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ में सुनवाई हुई।
न्यायमूर्ति पंकज भाटिया की एकल पीठ ने इस मामले में एक सप्ताह में अधिकृत गजट प्रकाशित करने का आदेश दिया है। इसके बाद, 15 दिन के अंदर मामले की अगली सुनवाई होगी। अदालत ने 2022 विधानसभा चुनाव में सभी प्रत्याशियों को नोटिस भेजने का भी निर्देश दिया है।
भाजपा नेता के अधिवक्ता संदीप यादव के अनुसार, सपा नेता के वकील ने याचिका वापस लेने पर विरोध जताया और कहा कि मामले से जुड़े सभी पक्षों को नोटिस भेजी जानी चाहिए। उन्होंने अदालत के आदेशानुसार गजट का प्रकाशन एक-दो दिन में करने की जानकारी दी।
मिल्कीपुर सीट पर उपचुनाव की संभावना कम
2022 विधानसभा चुनाव में मिल्कीपुर सीट पर सपा नेता अवधेश प्रसाद ने भाजपा नेता बाबा गोरखनाथ को 13 हजार से अधिक वोटों से हराया था। इस सीट पर भाजपा नेता ने याचिका वापस लेने के बाद चुनाव आयोग से उपचुनाव कराने की अपील की थी, लेकिन अदालत के फैसले के बाद मिल्कीपुर में जल्द उपचुनाव होने की संभावना फिलहाल कम दिखाई दे रही है।

Author: Sweta Sharma
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