[the_ad id="4133"]
Home » इंडिया » उत्तर प्रदेश » यूपी उपचुनाव: सीटों के बंटवारे पर फंसा इंडिया गठबंधन, कांग्रेस-सपा के बीच तकरार

यूपी उपचुनाव: सीटों के बंटवारे पर फंसा इंडिया गठबंधन, कांग्रेस-सपा के बीच तकरार

 उत्तर प्रदेश में आगामी 10 सीटों पर होने वाले उपचुनावों को लेकर इंडिया गठबंधन में सीटों के बंटवारे पर खींचतान शुरू हो गई है। सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस 5 सीटों पर अपनी दावेदारी कर रही है, जबकि समाजवादी पार्टी (सपा) केवल 1-2 सीटें देने के लिए तैयार है। यह गतिरोध गठबंधन के भीतर तनाव बढ़ा रहा है, और कांग्रेस ने अपनी तैयारी तेज कर दी है।
कांग्रेस की मांग: मिर्जापुर से मीरापुर तक 5 सीटें
कांग्रेस पार्टी मिर्जापुर की मझवा, प्रयागराज की फूलपुर, गाजियाबाद, खैर और मीरापुर सीटों पर चुनाव लड़ने की मांग कर रही है। कांग्रेस का कहना है कि इन सीटों पर बीजेपी का प्रभाव ज्यादा था, जहां से कांग्रेस बेहतर मुकाबला कर सकती है। वहीं, सपा ने संकेत दिया है कि वह सिर्फ 1 या 2 सीटें ही देने के लिए तैयार है, वह भी स्पष्ट रूप से नहीं। कांग्रेस इस अनिश्चितता को देखते हुए सभी 10 सीटों पर अपने प्रभारी और पर्यवेक्षक नियुक्त कर चुकी है और बूथ स्तर पर संगठन को तैयार कर रही है।
कांग्रेस का 50-50 फॉर्मूला
कांग्रेस का तर्क है कि जिन 5 सीटों पर पिछली बार बीजेपी और उसके सहयोगी जीते थे, वहां सपा का जनाधार कमजोर है। इसलिए, इस बार उन सीटों पर कांग्रेस को मौका मिलना चाहिए और सपा को अपनी जीती हुई 5 सीटों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। कांग्रेस इस 50-50 फॉर्मूले के जरिए 2027 के विधानसभा चुनावों में बड़ी रणनीति बना रही है। अगर कांग्रेस इस बार 5 सीटें हासिल करने में सफल हो जाती है, तो इसका दूरगामी असर भविष्य के चुनावों पर पड़ेगा।
सपा की चिंता: जनाधार का बंटवारा
सपा प्रमुख अखिलेश यादव इस फॉर्मूले से सहमत नहीं हैं। उनका मानना है कि कांग्रेस को अधिक सीटें देने का मतलब सपा के जनाधार को कमजोर करना होगा। अखिलेश 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के साथ गठबंधन के अनुभव को ध्यान में रखते हुए आगे बढ़ना चाहते हैं, जब सपा ने 298 सीटों पर और कांग्रेस ने 105 सीटों पर चुनाव लड़ा था।
क्या 2017 का फॉर्मूला दोहराया जाएगा?
2017 के विधानसभा चुनाव में सपा और कांग्रेस का गठबंधन ‘दो लड़कों की जोड़ी’ के रूप में पेश किया गया था, लेकिन परिणाम संतोषजनक नहीं रहे थे। वहीं, 2024 के लोकसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन के तहत सपा ने 63 सीटों पर और कांग्रेस ने 17 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे, जहां सपा ने 37 और कांग्रेस ने 6 सीटें जीती थीं।
उपचुनाव में भविष्य की तैयारी
इस बार कांग्रेस बराबरी का दावा करते हुए सपा पर दबाव बना रही है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने कहा है कि वह सिर्फ उन सीटों पर बात कर रहे हैं जहां पिछली बार बीजेपी और उसके सहयोगी दल जीते थे। कांग्रेस के इस रुख से सपा असहज है।
उपचुनाव से पहले यह विवाद न केवल गठबंधन की दिशा तय करेगा बल्कि 2027 के विधानसभा चुनावों के समीकरणों को भी प्रभावित कर सकता है। कांग्रेस जहां अपनी स्थिति मजबूत करने में जुटी है, वहीं सपा गठबंधन को बचाने और अपने जनाधार को बरकरार रखने की कोशिश कर रही है।

पाकिस्तान जाएंगे विदेश मंत्री जयशंकर, SCO बैठक में लेंगे हिस्सा

Sweta Sharma
Author: Sweta Sharma

I am Sweta Sharma, a dedicated reporter and content writer, specializes in uncovering truths and crafting compelling news, interviews, and features.

Share This

Post your reaction on this news

Leave a Comment

Social Media Auto Publish Powered By : XYZScripts.com