मेरठ। उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में राजनीतिक हलकों में एक नया मामला गर्मांया हुआ है। यूपी के टेक्निकल एजुकेशन मिनिस्टर और बीजेपी नेता आशीष पटेल के बारे में अटकलें तेज हो गई हैं कि वह पार्टी के खिलाफ बगावत कर सकते हैं। यह चर्चा SIT जांच और इस्तीफे के मुद्दे के बीच हो रही है, जिसके चलते पार्टी में असमंजस की स्थिति बनी हुई है।
केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल के पति आशीष पटेल ने एक अन्य पोस्ट में लिखा, एक बात और, सामाजिक न्याय की जंग के लिए अपना दल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व व गृहमंत्री अमित शाह के सानिध्य में 2014 में NDA का अंग बना था। प्रधानमंत्री का जिस दिन आदेश होगा बिना एक सेकेंड देरी के मंत्री पद से इस्तीफ़ा दे दूंगा।
उन्होंने आगे लिखा कि सांच को आंच क्या! मुख्यमंत्री अगर आवश्यक समझें तो आरोपों की सीबीआई से जांच करा लें। मैं तो यहां तक कहता हूं कि दूध का दूध और पानी का पानी करने के लिए लगे हाथ बतौर मंत्री अब तक मेरे द्वारा लिए गए एक-एक निर्णय की भी सीबीआई से जांच करा लें।
वही आज एक बार फिर मंत्री आशीष पटेल ने इस मामले को लेकर बड़ा बयान दिया हैं। उन्होनें कहा कि, ”मैं विधायक योगेश वर्मा नहीं हूं, जो थप्पड़ खाने और अपमानित होने के बावजूद किसी मजबूरी में चुप रह गए। मैं सरदार पटेल का वंशज हूं। डरना नहीं मुकाबला करना मेरी फितरत में है। कोई कंकड़ फेंकेगा तो जवाब पत्थर से मिलेगा।”
इसके साथ ही मंत्री आशीष पटेल ने अपनी ही सरकार पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा, 1700 करोड़ के बजट वाले राज्य के सूचना विभाग का काम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ की अगुवाई वाली सरकारों की नीतियों, कार्यक्रमों की जानकारी आम जनमानस तक पहुंचाने की है। हालांकि विभाग के छोटे अधिकारी इसका उपयोग कर अपनी ही सरकार के मंत्रियों के मान मर्दन और चरित्र हनन में जुटे हैं। क्या इनका काम मंत्रियों पर झूठे आरोपों को रोकने के बजाय शह देना और अधूरे तथ्यों को उपलब्ध कराकर भ्रम पैदा कर खिलाफ में खबरें छपवाना है?
बता दें कि लखीमपुर सदर सीट से बीजेपी विधायक योगेश वर्मा को अर्बन कोऑपरेटिव बैंक चुनाव के लिए पर्चे भरने के दौरान वकील अवधेश सिंह ने थप्पड़ मार दिया था और उसके बाद उनके साथियों ने बीजेपी के विधायक के साथियों को बुरी तरह पिट दिया था।
खैर राजनीति में आशीष पटेल का ये मामला गर्माया हुआ हैं। ऐसे में राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि अगर वह बगावत करते हैं, तो यह बीजेपी के लिए एक बड़ा झटका हो सकता है, क्योंकि उनकी छवि पार्टी में एक महत्वपूर्ण नेता के रूप में रही है। साथ ही, यह भी देखा जा रहा है कि क्या वह अपनी राजनीतिक राह बदलने का फैसला करेंगे या पार्टी के साथ बने रहेंगे। सभी की निगाहें अब इस पर टिकी हुई हैं कि आशिष पटेल आगे क्या कदम उठाते हैं और इस विवाद का अंत किस दिशा में होता है। हालांकि, अभी तक आशिष पटेल ने इस मुद्दे पर खुलकर कोई बयान नहीं दिया है।





