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भारत के डिजिटल पेमेंट्स में यूपीआई की हिस्सेदारी बढ़कर 83 प्रतिशत हुई : आरबीआई रिपोर्ट

नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की भुगतान प्रणाली रिपोर्ट के अनुसार, एकीकृत भुगतान इंटरफेस (यूपीआई) का डिजिटल भुगतान प्रणाली में योगदान पिछले पांच वर्षों में दोगुना हो गया है। 2019 में जहां यूपीआई का हिस्सा 34 प्रतिशत था, वहीं 2024 में यह बढ़कर 83 प्रतिशत हो गया है।

इसके विपरीत, अन्य डिजिटल भुगतान विधियों जैसे राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर (एनईएफटी), रीयल टाइम ग्रॉस सेटेलमेंट (आरटीजीएस), इमीडिएट पेमेंट सर्विस (आईएमपी) और क्रेडिट और डेबिट कार्ड का हिस्सा 2019 में 66 प्रतिशत से घटकर 2024 के अंत में 17 प्रतिशत रह गया है। 2024 में भारत में कुल 208.5 अरब डिजिटल भुगतान लेन-देन रिकॉर्ड किए गए हैं।

भारत की रीयल-टाइम भुगतान प्रणाली, यूपीआई, की बढ़ती हिस्सेदारी का श्रेय इस डिजिटल भुगतान विधि को अपनाने की बढ़ती गति को दिया जा सकता है। 2019 से 2024 तक, यूपीआई पी2एम (व्यक्ति से व्यापारी) भुगतान, यूपीआई पी2पी (व्यक्ति से व्यक्ति) लेन-देन से तेज़ी से बढ़े हैं। यूपीआई पी2एम ने पांच वर्षों के दौरान 500 रुपए से नीचे के लेन-देन के लिए 99 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) दर्ज की। जबकि यूपीआई पी2पी में इसी अवधि में 56 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई।

दूसरी ओर, उच्च मूल्य वाले लेन-देन—जो 2,000 रुपए से अधिक हैं—के लिए यूपीआई पी2एम ने 109 प्रतिशत की सीएजीआर दर्ज की, जबकि यूपीआई पी2पी ने 57 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की। नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) के लो-वैल्यू ट्रांजैक्शन पेमेंट मेथड यूपीआई लाइट ने दिसंबर 2024 में प्रतिदिन 2.04 मिलियन ट्रांजैक्शन किए, जिनकी कुल मूल्य 20.02 करोड़ रुपए थी। दिसंबर 2023 से दिसंबर 2024 तक, यूपीआई लाइट लेन-देन की औसत टिकट साइज में 13 प्रतिशत की साल दर साल वृद्धि हुई, जो 87 रुपए से बढ़कर 98 रुपए हो गई।

आरबीआई ने अपनी रिपोर्ट में कहा, “जब पेटीएम और फोनपे ने क्रमशः 15 फरवरी 2023 और 2 मई 2023 को यूपीआई लाइट पेश किया, तो यूपीआई लाइट पेमेंट वॉल्यूम और वैल्यू में लगातार वृद्धि देखी गई।” प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट्स (पीपीआई), जिनमें डिजिटल वॉलेट्स शामिल हैं, के लेन-देन में 12.3 प्रतिशत की गिरावट आई, जो 2024 के दूसरे छमाही में 3.45 बिलियन लेन-देन से घटकर 3.93 बिलियन हो गई। इसी अवधि में, पीपीआई के माध्यम से प्रसंस्कृत लेन-देन की वैल्यू 25 प्रतिशत घटकर 1.43 ट्रिलियन रुपए से 1.08 ट्रिलियन रुपए हो गई।

Admin Desk
Author: Admin Desk

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