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लोकसभा में हंगामा: अध्यक्ष ओम बिरला ने सांसदों से मर्यादा बनाए रखने की अपील

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने मंगलवार को संसद परिसर में विपक्षी दलों द्वारा किए गए प्रदर्शन को “अशोभनीय” करार दिया। उन्होंने विपक्ष के बड़े नेताओं के आचरण को संसदीय परंपराओं के प्रतिकूल बताया। लोकसभा की कार्यवाही शुरू होने पर उन्होंने इस मुद्दे का जिक्र करते हुए सांसदों से संसद की गरिमा और मर्यादा बनाए रखने की अपील की।
प्रदर्शन और कार्यवाही स्थगित
संसद की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी सदस्यों ने अपने मुद्दों को लेकर हंगामा शुरू कर दिया। इसके चलते सदन की कार्यवाही मात्र पांच मिनट बाद, सुबह 11:05 बजे, दोपहर 12 बजे तक स्थगित कर दी गई।
इससे पहले, विपक्षी नेताओं ने काले झोले लेकर संसद भवन परिसर में प्रदर्शन किया। इन झोलों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उद्योगपति गौतम अदाणी की तस्वीरें बनी थीं। एक दिन पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रतीकात्मक साक्षात्कार के जरिए अदाणी समूह के मामले पर सरकार पर निशाना साधा था।
अदाणी मामले पर विपक्ष का दबाव
कांग्रेस अदाणी समूह के मामले की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) गठित करने की मांग कर रही है। इसके साथ ही, पार्टी भाजपा नेताओं द्वारा राहुल गांधी पर लगाए गए आरोपों का जवाब मांग रही है। विपक्षी दल पिछले कई दिनों से संसद परिसर में प्रदर्शन कर रहे हैं।
अध्यक्ष ओम बिरला का बयान
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सदन में कहा,
“संसद एक पवित्र स्थल है। इस भवन की उच्च गरिमा, प्रतिष्ठा और मर्यादा है। इसी संसद में हमने आजादी प्राप्त की है। यह दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र की सर्वोच्च प्रतिनिधि संस्था है।”
उन्होंने आगे कहा,
“पिछले कुछ दिनों से संसद परिसर में जिस प्रकार के प्रदर्शन, नारे, पोस्टर और मुखौटों का उपयोग किया जा रहा है, वह न केवल अशोभनीय है, बल्कि संसदीय परंपराओं और नियम प्रक्रियाओं के अनुरूप भी नहीं है।”
सत्तापक्ष और विपक्ष दोनों को चेतावनी
विपक्षी सांसदों की टोका-टोकी के जवाब में बिरला ने स्पष्ट किया कि उनकी यह अपील सत्तापक्ष और विपक्ष दोनों के लिए है। उन्होंने कहा,
“सभी सांसद संसद की गरिमा, परंपरा, मर्यादा और प्रतिष्ठा को बनाए रखें। मर्यादित आचरण से जनता के बीच सकारात्मक संदेश जाएगा।”

सदन को सुचारू रूप से चलाने की अपील
अध्यक्ष ने सांसदों से कहा,
“जो मुद्दे हैं, उन पर चर्चा करें। सत्तापक्ष और विपक्ष मिलकर सदन चलाने का प्रयास करें। प्रश्नकाल का समय बहुत महत्वपूर्ण है। मुझे आशा है कि आप सकारात्मक सहयोग करेंगे।”
विपक्ष का अड़ियल रुख और अगली रणनीति
हालांकि, विपक्षी दलों ने अपने मुद्दों को उठाने पर जोर देते हुए प्रदर्शन जारी रखा। यह देखना होगा कि सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच बातचीत से कोई समाधान निकलता है या नहीं।
Sweta Sharma
Author: Sweta Sharma

I am Sweta Sharma, a dedicated reporter and content writer, specializes in uncovering truths and crafting compelling news, interviews, and features.

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