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अमेरिका के BAPS स्वामीनारायण मंदिर पर हमला: सांसद ने की निंदा, कहा- ‘हिंसा और घृणा का कोई स्थान नहीं’

न्यूयॉर्क: अमेरिका के न्यूयॉर्क स्थित मेलविले में BAPS श्री स्वामीनारायण मंदिर पर हाल ही में हुए हमले और तोड़फोड़ की घटना ने भारतीय-अमेरिकी समुदाय के बीच आक्रोश पैदा कर दिया है। कट्टरपंथियों ने न सिर्फ मंदिर को नुकसान पहुंचाया, बल्कि मंदिर के बाहर लगे साइन बोर्ड पर भारत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल भी किया। इस घटना के बाद हिंदू अमेरिकन फाउंडेशन ने इसे ‘हिंदू-घृणा’ करार दिया है।

अमेरिकी सांसद टॉम सुओजी का बयान
न्यूयॉर्क के तीसरे कांग्रेसनल डिस्ट्रिक्ट का प्रतिनिधित्व करने वाले अमेरिकी सांसद टॉम सुओजी ने इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए मंदिर पर हुए हमले को बर्बरता, कट्टरता और घृणा का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा, “हिंदू समुदाय हमेशा शांति और सद्भाव का प्रतीक रहा है। जब वे अपने हाथ जोड़ते हैं और नमस्ते कहते हैं, तो वे सामने वाले व्यक्ति में महानता को पहचानते हैं। हमें एक-दूसरे के प्रति अधिक सम्मान दिखाने की आवश्यकता है, क्योंकि नफरत के अपराध हमारे समाज के लिए एक बड़ा खतरा हैं।”
सुओजी ने यह भी कहा कि घृणा अपराधों के लिए जिम्मेदार अपराधियों को सख्त सजा मिलनी चाहिए, और ऐसे कृत्यों को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत है। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा, “आखिर ऐसा क्यों हो रहा है? क्या यह अतिवाद और भड़काऊ बयानबाजी का परिणाम है? हमें जवाबदेही की कमी के खिलाफ लड़ाई लड़नी होगी और नफरत की जगह प्यार को बढ़ावा देना होगा।”
भारत का विरोध और अमेरिकी प्रशासन की प्रतिक्रिया
इस घटना पर भारत के महावाणिज्य दूतावास ने भी तीखी प्रतिक्रिया दी है। न्यूयॉर्क स्थित भारतीय महावाणिज्य दूतावास ने अमेरिकी कानून प्रवर्तन से इस मामले में तत्काल कार्रवाई की मांग की है। महावाणिज्य दूतावास ने कहा, “मंदिर पर हुआ यह हमला न केवल भारतीय समुदाय के खिलाफ है, बल्कि यह धार्मिक सहिष्णुता के मूल्यों के खिलाफ भी है।”
भारत ने अमेरिका से ऐसे कृत्यों के खिलाफ सख्त कदम उठाने का आह्वान किया है, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।

घटना का विवरण और संवेदनशील समय
यह हमला 16 सितंबर 2024 को न्यूयॉर्क के मेलविले में स्थित BAPS श्री स्वामीनारायण मंदिर पर हुआ, जिसमें कट्टरपंथियों ने हिंदू-घृणा से संबंधित शब्दों का इस्तेमाल किया। यह घटना इसलिए भी खास मानी जा रही है, क्योंकि 22 सितंबर 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसी इलाके से करीब 27 किलोमीटर दूर भारतीय समुदाय को संबोधित करने वाले हैं। यह क्षेत्र भारतीय दृष्टिकोण से फिलहाल काफी महत्वपूर्ण है, और ऐसे में मंदिर पर हमला भारतीय समुदाय के लिए एक गहरी चोट के रूप में देखा जा रहा है।
घृणा और कट्टरता के खिलाफ एकजुटता की जरूरत
इस घटना के बाद पूरे अमेरिका में हिंदू समुदाय के बीच चिंता का माहौल है। अमेरिकी सांसदों से लेकर भारत सरकार तक सभी ने इस घटना की कड़ी निंदा की है। यह समय है कि सभी समुदाय एकजुट होकर घृणा और हिंसा के खिलाफ खड़े हों और उन तत्वों को जवाबदेह ठहराया जाए जो समाज में अशांति फैलाना चाहते हैं।
अमेरिकी प्रशासन और कानून प्रवर्तन एजेंसियों से उम्मीद की जा रही है कि वे इस मामले में जल्द से जल्द कार्रवाई करेंगे, ताकि अपराधियों को उनके किए की सजा मिले और समाज में शांति और सहिष्णुता की भावना को बढ़ावा मिल सके।
Sweta Sharma
Author: Sweta Sharma

I am Sweta Sharma, a dedicated reporter and content writer, specializes in uncovering truths and crafting compelling news, interviews, and features.

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