[the_ad id="4133"]
Home » इंडिया » उत्तर प्रदेश » लखनऊ » झूठे आकड़ों और फर्जी दावों से भरा है उत्तर प्रदेश का बजट : अजय राय

झूठे आकड़ों और फर्जी दावों से भरा है उत्तर प्रदेश का बजट : अजय राय

– बुरी तरह से कर्ज में डूबी है प्रदेश की योगी सरकार, प्रति व्यक्ति आय के मामले में पूरे देश में 28वें स्थान पर है प्रदेश

लखनऊ। उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पूर्व मंत्री अजय राय ने प्रदेश सरकार द्वारा पेश किये गये बजट पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि बजट को अदम गोंडवी द्वारा कही गई निम्न दो पंक्तियों में समेट दिया गया।

तुम्हारी फाइलों में गांव का मौसम गुलाबी है,

मगर ये आकड़े झूठे हैं, यह दावा किताबी है।।

श्री राय ने कहा कि साल दर साल योगी सरकार का बजट एक रस्म अदायेगी के सिवाए और कुछ नहीं रह गया है। झूठी बातें, झूठे वादे, झूठे आकड़े और झूठे सपनों को कागज के कुछ पन्नों में बिखेर कर प्रदेश की 25 करोड़ की जनता की आंखों में धोख झोंकने का काम योगी सरकार कर रही है। कहा कि अपनी कमियों को छिपाने के लिए गलत आकड़े पेश करने में बाज नहीं आ रही है योगी सरकार। उदाहरण के तौर पर प्रदेश ऋृणगस्तता के मामले में अपनी पीठ थपथपा रही है प्रदेश की योगी सरकार मगर वहीं कैग ने अपनी रिपोर्ट में उत्तर प्रदेश की बढ़ती हुई ऋृणग्रस्तता अपनी अपनी चिंता जाहिर की है। 31 मार्च 2024 तक उत्तर प्रदेश सरकार पर कुल कर्ज 6,67,106.03 करोड़ था। आत्मश्लाघा में डूबी यह सरकार यह दावा करती है कि प्रति व्यक्ति आय को बहुत बढ़ा दिया गया है मगर सच यह है कि आज भी पूरे भारत में प्रति व्यक्ति आय के मामले में उत्तर प्रदेश 28वें स्थान पर है। किसानों को लेकर प्रदेश की योगी सरकार कितनी संवेदनहीन है इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि अभी हाल ही में पूरे प्रदेश के किसानों ने खाद को ब्लैक में खरीदा,  ओलावृष्टि से नष्ट हुई फसलों की बीमा की रकम किसानों तक नहीं पहुंची। गन्ना किसानों की एसएपी पिछले सात वर्षों में मात्र 55 रूपये बढ़ाई गई जबकि इस दरम्यान महंगाई के कई गुना बढ़ जाने से लागत में अभूतपूर्व वृद्धि हुई जिसके चलते गन्ना किसानों की आय बढ़ने के बजाय घट गई।

योगी सरकार द्वारा पेश किए गये पिछले बजट में कृषि को प्रोत्साहन देने के नाम पर शुरू की गई तीन योजनाओं राज कृषि विकास योजना, यूपी एग्रीज योजना और ऑटोमेटिक रेन गेज की स्थापना जैसी योजनाओं का क्या हुआ और वह कहां तक पहुंची इसकी कोई चर्चा इस बजट में नहीं है। प्रदेश की आधी आबादी को लेकर यह बजट बहुत ही निराश करने वाला है। उज्जवला योजना के नाम पर गैस कनेक्शन तो वितरित किये जा रहे हैं मगर पुनः दोबारा सिलेण्डर किस प्रकार रिफिल कराये जायेंगे इस पर कोई बात नहीं की जा रही है। पूरे बजट में महिलाओं को कैसे विकास यात्रा में शामिल किया गया इसका कोई सृदृढ़ प्लान और नीति नहीं है।

रोजगार को लेकर तमाम झूठे आकड़े पेश किये जा रहे हैं जबकि सच यह है कि प्रदेश का युवा बेरोजगार है और यह बात अन्तर्राष्ट्रीय मजदूर संगठन के आकड़ों से स्पष्ट है। इस वर्ष के बजट में सरकार का यह दावा करती है उत्तर प्रदेश कौशल मिशन के अन्तर्गत विगत 6 वर्षों में 15.25 युवाओं को निःशुल्क रोजगार परख प्रशिक्षण प्रदान किया गया वहीं पिछले बजट में यह कहा गया था कि इस मिशन के अंतर्गत 12.15 लाख युवाओं को प्रशिक्षित किया गया है। आकड़ों की इस बाजगरी में सरकार युवाओं के प्रति पूरी तरीके से संवेदनहीन बनी हुई है। अधूरे मेडिकल कॉलेज, टूटते प्राथमिक विद्यालय, बिना किताबों और यूनिफॉर्म के छात्र, महंगाई से जूझती जनता, जंगलराज में बदलता प्रदेश और बजट दर बजट आत्ममुग्धता में मग्न सरकार, कुल मिलाकर उत्तर प्रदेश में योगी राज की यही कहानी है।

Admin Desk
Author: Admin Desk

Share This

Post your reaction on this news

Leave a Comment

Social Media Auto Publish Powered By : XYZScripts.com