निश्चय टाइम्स, डेस्क। उत्तर प्रदेश के पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह ने पशुओं को संक्रामक रोगों से बचाव हेतु 15 दिनों का विशेष टीकाकरण अभियान चलाये जाने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा है कि एफएमडी टीकाकरण शत-प्रतिशत भारत पशुधन ऐप पर किया जाए तथा नये पशुओं को टैग लगाकर उनका पंजीकरण भी तत्काल सुनिश्चित किया जाए। टीकाकरण के समय राजस्व एवं पंचायत विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारियों की सहभागिता सुनिश्चित की जाए। साथ ही प्रदेश के सभी 10 पशुधन प्रक्षेत्रों में सेक्सड सार्टेड सीमेन/भू्रण प्रत्यारोपण/आईवीएफ प्रयोगशालाओं की स्थापना की जाए तथा उन्हें भी पीपीपी माडल पर संचालित किये जाने हेतु यथाशीघ्र प्रस्ताव उपलब्ध कराए जाए।
धर्मपाल सिंह ने यह निर्देश आज यहां विधान भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष में पशुधन एवं दुग्ध विकास विभाग की समीक्षा के दौरान दिये। उन्होंने कहा कि माह दिसम्बर तक 80 प्रतिशत बजट का व्यय विभाग द्वारा सुनिश्चित कर लिया जाए। सिंह ने कहा कि गोवंशीय देशी नस्लों के संरक्षण एवं उन्नत नस्ल सुधार हेतु कृ़ित्रम गर्भाधान कर देशी नस्लों के संरक्षण एवं सुधार के लिए निर्देशित किया ताकि अधिकाधिक संख्या में ज्यादा दुग्ध उत्पादन करने वाले मादा गोवंश पैदा हो सकें तथा देशी नस्लें उन्नत रूप से सुरक्षित रह सके। उन्होंने कहा है कि विभाग द्वारा उपलब्ध कराये जा रहे चारा बीज को गोआश्रय स्थलों से संबद्ध गोचर भूमि पर बोये जाने को प्राथमिकता दी जाए। सभी गोआश्रय स्थलों में निराश्रित गोवंशों के प्रबंधन, भरण पोषण, रेडियम बेल्ट की प्रगति एवं अन्य व्यवस्थाओं के मूल्यांकन हेतु नियमित रूप से पर्यवेक्षण एवं निरीक्षण किया जाए। श्री सिंह ने कहा कि अधिकारी नियमित रूप से गौशालाओं का निरीक्षण करें और गौशालाओं के निरीक्षण के दौरान गौशालाओं हेतु सभी आवश्यक व्यवस्थाएं जैसे-चारा, भूसा, प्रकाश, पानी, विद्युत, वर्षा से बचाव, गौवंश के बैठने हेतु स्थान, औषधियां एवं अन्य सभी पर्याप्त व्यवस्थायें सुनिश्चित की जाए।
श्री सिंह ने दुग्ध विकास विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये कि डेयरी प्लांट गोरखपुर, कन्नौज, कानपुर एवं सीएफपी अम्बेडकरनगर को एनडीडी हो हैंडओवर की कार्यवाही तत्काल प्रारम्भ की जाए। मार्केंटिग व्यवस्था के सुदृ़ढ़ीकरण के दृष्टिगत पराग उत्पादों की पैकिंग एक समान कराई जाए। इसके साथ ही दुग्ध संघों में डीपीएमसीयू की गुणवत्ता से कोई समझौता न किया जाए। दुग्ध समितियों का संचालन सुव्यवस्थित एवं सुनियोजित तरीके से किया जाए।
बैठक में पशुधन एवं दुग्ध विकास के प्रमुख सचिव अमित कुमार घोष ने मंत्री को आश्वस्त करते हुए कहा कि उनसे प्राप्त दिशा-निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित किया जायेगा। देशी गोवंश के नस्ल सुधार के संबंध में नवीन शोधों एवं तकनीकों का उपयोग किया जायेगा। संक्रामक रोगों से बचाव हेतु वैक्सीन की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की जायेगी। पराग के उत्पादों की मार्केटिंग बेहतर की जायेगी और दुग्ध समितियों की संख्या निरन्तर बढ़ाई जायेगी और कोई भी दुग्ध समिति किसी भी दशा में बंद नहीं होने दी जायेगी। उन्होंने अधिकारियों को सख्त रूप से निर्देशित किया कि विभागीय कार्यों में किसी प्रकार की लापरवाही या उदासीनता न बरती जाए और निर्धारित अवधि में सभी कार्य पूर्ण किये जाए। बैठक में पशुधन विभाग के विशेष सचिव देवेन्द्र पाण्डेय, पीसीडीएफ के प्रबंध निदेशक वैभव श्रीवास्तव, दुग्ध आयुक्त राकेश कुमार मिश्र, पशुपालन विभाग के निदेशक, प्रशासन एवं विकास योगेन्द्र पवार, निदेशक रोग नियंत्रण प्रक्षेत्र राजीव सक्सेना, सीईओ एलडीवी डा0 पी0के0 सिंह, संयुक्त निदेशक पी0के0 सिंह सहित अन्य वरिष्ठ विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।





