संसद में वक़्फ़ संशोधन बिल पारित होने के बाद ज़िलों में वक़्फ़ संपत्तियों के सर्वे का काम तेज़ी से शुरू हो गया है। राजस्व विभाग ने ज़िलाधिकारी (DM) को निर्देश दिए हैं कि जिले की राजस्व अभिलेखों में दर्ज संपत्तियों को वक़्फ़ बोर्ड की संपत्ति सूची से मिलान कराया जाए। इस प्रक्रिया का उद्देश्य यह तय करना है कि कौन सी संपत्तियां वास्तव में वक़्फ़ की हैं और कौन सी नहीं।
पहले चरण में उन कॉमर्शियल इमारतों की जांच की जा रही है जो वक़्फ़ ज़मीन पर बनी बताई जा रही हैं। लखनऊ के हज़रतगंज क्षेत्र में कई प्रमुख इमारतों की गहन जांच हो रही है। यह पता लगाया जा रहा है कि वे वाकई वक़्फ़ संपत्ति हैं या फिर शत्रु संपत्ति की श्रेणी में आती हैं।
इसके अलावा काकोरी और सरोजनीनगर जैसे इलाकों में भी बड़ी व विवादास्पद संपत्तियों का ब्यौरा खंगाला जा रहा है। राजस्व और वक़्फ़ विभाग दोनों की टीमों को इस काम में लगाया गया है।
यह कार्रवाई सरकारी दस्तावेज़ों की पारदर्शिता सुनिश्चित करने और फर्जी दावों को समाप्त करने के उद्देश्य से की जा रही है।
Author: Sweta Sharma
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