चेन्नई में नौकरी की तलाश में गए पश्चिम बंगाल के एक प्रवासी मजदूर की भूख से मौत ने राज्य में हड़कंप मचा दिया है। इस घटना के बाद पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की सरकार पर कड़ी आलोचना की। उन्होंने प्रवासी मजदूरों की दुर्दशा को लेकर चिंता व्यक्त की और राज्य सरकार को इस मुद्दे पर गंभीर होने का आह्वान किया।
प्रवासी मजदूरों की स्थिति दयनीय
सरकारी सूत्रों के मुताबिक, हाल ही में कई प्रवासी मजदूर नौकरी की तलाश में चेन्नई गए थे, लेकिन उन्हें काम नहीं मिला। इनमें से कुछ मजदूर भूख से बेहाल और बेहोश हालत में चेन्नई रेलवे स्टेशन पर मिले। इनमें से एक मजदूर, समर खान, की 30 सितंबर को भूख के कारण मौत हो गई। अन्य चार मजदूरों की स्थिति गंभीर बताई जा रही है, जिनमें से तीन अभी अस्पताल में भर्ती हैं।
राज्यपाल बोस ने जताई चिंता
राज्यपाल बोस ने प्रवासी मजदूरों की इस स्थिति पर गहरा दुख व्यक्त किया और कहा कि राज्य सरकार को अपने प्रवासी श्रमिकों की सहायता के लिए संवेदनशील और उत्तरदायी होना चाहिए। उन्होंने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए कहा, “क्या ममता बनर्जी गांधीजी के प्रिय दरिद्र नारायण की देखभाल इस तरह करती हैं? सबको सन्मति दे भगवान।”
मजदूरों की सहायता के लिए बोस का कदम
राज्यपाल ने घटना के तुरंत बाद चेन्नई का दौरा किया और अस्पतालों में भर्ती मजदूरों की स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने अधिकारियों को प्रवासी मजदूरों की मदद करने के निर्देश दिए और राज्य सरकार से इन श्रमिकों की सहायता के लिए प्रभावी कदम उठाने का अनुरोध किया।
प्रवासी श्रमिकों की हालत पर चिंता
राज्यपाल ने चेन्नई में रह रहे प्रवासी श्रमिकों की गंभीर हालत पर चिंता जताई और राज्य सरकार से उनके लिए रोजगार और सहायता प्रदान करने की अपील की। उन्होंने कहा कि मजदूर आजीविका की तलाश में बेहद कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं, और उनकी यह स्थिति राज्य की जिम्मेदारी का सवाल उठाती है।
पश्चिम बंगाल के इस प्रवासी मजदूर की भूख से मौत ने राज्य में प्रशासनिक लापरवाही और श्रमिकों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

Author: Sweta Sharma
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