[the_ad id="4133"]
Home » धर्म » जब मां की शक्ति आगे ब्रिटिश हुकूमत को शीश झुकाना पड़ा

जब मां की शक्ति आगे ब्रिटिश हुकूमत को शीश झुकाना पड़ा

संजय मिश्र

निश्चय टाइम्स, देवरिया। उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले के अहिल्यापुर गांव में स्थित अहिल्यापुर भवानी मंदिर एक प्राचीन और चमत्कारी शक्तिपीठ है, जिसकी महिमा सदियों से सुनाई जाती रही है। यह मंदिर केवल भक्तों की आस्था का केंद्र नहीं है, बल्कि भारत के स्वतंत्रता संग्राम से जुड़ी एक ऐतिहासिक घटना का गवाह भी है, जब ब्रिटिश हुकूमत को भी देवी मां के सामने सिर झुकाना पड़ा। मंदिर का इतिहास बताते हुए कहा जाता है कि ब्रिटिश काल में गोरखपुर से वाराणसी तक रेल लाइन बिछाने का काम अहिल्यापुर गांव से गुजर रहा था। पिंडी के पास से पटरी बिछाने की कोशिश के बावजूद रात में वह रहस्यमय तरीके से उखड़ जाती थी। परेशान होकर ब्रिटिश इंजीनियर ने एक रात वहीं डेरा डाला, जहां मां दुर्गा ने उसे सपने में मार्गदर्शन दिया। देवी के निर्देशानुसार इंजीनियर ने पटरी 100 मीटर दूर हटा दी, और तब जाकर काम बिना किसी बाधा के पूरा हुआ। इस चमत्कारी घटना से प्रभावित होकर ब्रिटिश अधिकारियों ने मंदिर का जीर्णोद्धार भी करवाया।

आज अहिल्यापुर भवानी मंदिर लाखों भक्तों के लिए आस्था का केंद्र है। शारदीय और चैत्र नवरात्रि के दौरान यहां श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ती है। भक्त मन्नत मांगने के लिए नारियल और चुनरी चढ़ाते हैं। मंदिर में मुंडन, जनेऊ, शादी-ब्याह जैसे धार्मिक संस्कार भी आयोजित होते हैं। भक्त अपनी मन्नत पूरी होने पर अखंड संकीर्तन और कड़ाही चढ़ाने जैसे अनुष्ठान करते हैं। यह मंदिर अपने चमत्कारों और देवी के रहस्यमय अनुभवों के लिए प्रसिद्ध है। अहिल्यापुर भवानी का शक्तिपीठ यह संदेश देता है कि सच्चे मन से श्रद्धा रखने वालों की हर मुराद अवश्य पूरी होती है। नवरात्रि के अवसर पर मंदिर की महिमा और भी अधिक दिखाई देती है, जब श्रद्धालुओं की आस्था का अद्भुत संगम देखने को मिलता है।

ntuser1
Author: ntuser1

Share This

Post your reaction on this news

Leave a Comment

Social Media Auto Publish Powered By : XYZScripts.com