सर्दियों में मेवे खाने की परंपरा भारतीय घरों में आम है। इन्हीं मेवों में एक नाम है बादाम, जिसे पोषण और स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद माना जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि ‘सर्दियों का बादाम’ कहे जाने वाले कुछ विशेष प्रकार के बादाम से कैंसर का खतरा हो सकता है?
क्या है ‘सर्दियों का बादाम’?
‘सर्दियों का बादाम’ दरअसल कड़वे बादाम (Bitter Almond) को कहा जाता है। यह सामान्य बादाम से स्वाद में थोड़ा अलग और कड़वा होता है। यह खासतौर पर सर्दियों में अधिक खाया जाता है, लेकिन इसके सेवन में सावधानी बरतनी चाहिए।
कैंसर का कारण कैसे बनता है?
कड़वे बादाम में ऐमिग्डालिन (Amygdalin) नामक एक प्रोटीन होता है। यह प्रोटीन जब शरीर के एंजाइम्स के संपर्क में आता है, तो यह साइनाइड (Cyanide) नामक जहरीले पदार्थ में बदल जाता है।
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साइनाइड का अधिक मात्रा में सेवन करना शरीर के लिए खतरनाक हो सकता है।
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लंबे समय तक इसका सेवन करने से यह कोशिकाओं को नुकसान पहुंचा सकता है और कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है।
कड़वे बादाम और मीठे बादाम का अंतर
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मीठे बादाम: आमतौर पर जो बादाम हम खाते हैं, वे मीठे होते हैं। ये पोषण से भरपूर और सुरक्षित हैं।
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कड़वे बादाम: इनका स्वाद कड़वा होता है और इनमें ऐमिग्डालिन की मात्रा ज्यादा होती है।
कड़वे बादाम खाने से क्या हो सकता है नुकसान?
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साइनाइड विषाक्तता (Cyanide Toxicity):
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ज्यादा मात्रा में कड़वे बादाम खाने से साइनाइड के कारण सिरदर्द, उल्टी, बेहोशी, और गंभीर मामलों में मौत तक हो सकती है।
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कैंसर का खतरा:
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साइनाइड कोशिकाओं के डीएनए को नुकसान पहुंचा सकता है, जिससे कैंसर का खतरा बढ़ता है।
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पाचन समस्याएं:
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इसमें मौजूद जहर पाचन तंत्र पर बुरा असर डालता है।
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सुरक्षित मात्रा में सेवन करें
विशेषज्ञों का मानना है कि 5-7 कड़वे बादाम से ज्यादा खाना सेहत के लिए खतरनाक हो सकता है। बच्चों को कड़वे बादाम से पूरी तरह बचाना चाहिए।
फायदे भी हैं, लेकिन सीमित
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कड़वे बादाम में भी कुछ औषधीय गुण होते हैं।
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पारंपरिक चिकित्सा में इसका उपयोग त्वचा रोगों और संक्रमणों के इलाज के लिए किया जाता है।
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लेकिन इसका सेवन डॉक्टर की सलाह के बिना नहीं करना चाहिए।
साइनाइड विषाक्तता के लक्षण
यदि आपने ज्यादा कड़वे बादाम खा लिए हैं, तो इन लक्षणों पर ध्यान दें:
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सिरदर्द
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मतली और उल्टी
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सांस लेने में दिक्कत
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चक्कर आना
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कमजोरी और बेहोशी
कैसे करें सुरक्षित सेवन?
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मीठे बादाम चुनें: कड़वे बादाम की जगह मीठे बादाम का सेवन करें।
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प्रसंस्करण (Processing): कड़वे बादाम को गर्म पानी में भिगोकर और अच्छी तरह से पकाकर इसका विषाक्त प्रभाव कम किया जा सकता है।
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डॉक्टर से सलाह लें: यदि आप इसे औषधीय रूप में इस्तेमाल करना चाहते हैं, तो किसी विशेषज्ञ से सलाह लें।
‘सर्दियों का बादाम’ यानी कड़वा बादाम स्वास्थ्य के लिए लाभदायक हो सकता है, लेकिन इसकी अधिक मात्रा शरीर को नुकसान पहुंचा सकती है। इसे खाने से पहले इसकी सही मात्रा और सेवन विधि को समझना बहुत जरूरी है। हमेशा सावधानी बरतें और जरूरत पड़े तो डॉक्टर की सलाह लें।
Author: Sweta Sharma
I am Sweta Sharma, a dedicated reporter and content writer, specializes in uncovering truths and crafting compelling news, interviews, and features.





