निश्चय टाइम्स, डेस्क। भारत सरकार के वित मंत्रालय के लोक उद्यम विभाग (डीपीई) ने नवाचार और स्मार्ट विनिर्माण को बढ़ावा देने की दिशा में एक रणनीतिक कदम के रूप में, कल नई दिल्ली में उद्योग 4.0 पर एक कार्यशाला का आयोजन किया। इस कार्यशाला में ऊर्जा, बिजली, निर्माण, बुनियादी ढाँचा, दूरसंचार और सेवाओं जैसे क्षेत्रों में उद्योग 4.0 तकनीकों को अपनाने और उनका विस्तार करने की रणनीतियों पर चर्चा की गई। इसमें केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों (सीपीएसई) के विशेषज्ञों, नीति निर्माताओं और दिग्गजों ने अपने विचार व्यक्त किए।
कार्यशाला का उद्घाटन लोक उद्यम विभाग के सचिव के. मोसेस चालई ने किया, जिन्होंने सामान्य प्रयोजन प्रौद्योगिकियों (जीपीटी) पर संक्षेप में चर्चा की। उन्होंने चौथी औद्योगिक क्रांति (4आईआर) को एक राष्ट्रीय मिशन के रूप में अपनाने के महत्व पर बल दिया। उन्होंने अपने संबोधन में “संपूर्ण सरकार” ढाँचे की तर्ज पर “संपूर्ण सीपीएसई” (डब्ल्यूओसी) दृष्टिकोण की आवश्यकता पर बल दिया और सभी सीपीएसई से अपने कार्यों में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई), इंटरनेट ऑफ थिंग्स, डिजिटल ट्विन्स, 3डी प्रिंटिंग और 5जी-सक्षम स्मार्ट बुनियादी ढाँचे जैसे 4आईआर सक्षमकर्ताओं को एकीकृत करने में सहयोग करने का आग्रह किया। उन्होंने बताया कि उद्योग 4.0 को भविष्य में सीपीएसई समझौता ज्ञापन मूल्यांकन ढाँचे में शामिल करने पर भी विचार किया जा रहा है, और इसे शीघ्र अपनाना वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण होगा।

कार्यशाला में विशेषज्ञ प्रस्तुतियों के एक भाग के रूप में, परिनियोजन विशेषज्ञ ए. आनंद ने भारत के पहले 5जी लैब और 3डी प्रिंटिंग उत्कृष्टता केंद्रों से प्राप्त जानकारी के आधार पर, उद्योग के विभिन्न क्षेत्रों में डिजिटल डिज़ाइनिंग, रिवर्स इंजीनियरिंग और 3डी प्रिंटिंग के अनुप्रयोगों और क्षेत्रीय परिनियोजन में अपने अनुभव को साझा किया। एसपीए में एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. प्रभजोत सिंह सुग्गा ने बुनियादी ढाँचे, संयंत्र प्रबंधन और आपदा लचीलेपन में डिजिटल ट्विन प्लेटफार्मों की परिवर्तनकारी क्षमता पर प्रकाश डाला। एआई विशेषज्ञ विदुषी चतुर्वेदी ने पूर्वानुमान विश्लेषण, संसाधन अनुकूलन और सटीक निर्णय लेने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग के लाभ उठाने पर बात की।
पावरग्रिड, एचएससीसी और बीएसएनएल जैसे सीपीएसई द्वारा आयोजित अनुभव-साझाकरण सत्रों में एआई-संचालित रखरखाव, डिजिटल सिमुलेशन और 3डी प्रिंटिंग-सक्षम आपूर्ति श्रृंखलाओं में सफल प्रायोगिक परियोजनाओं का प्रदर्शन किया गया। कार्यशाला में एनटीपीसी, एनएचपीसी, गेल, कॉनकॉर, आईआरसीटीसी, राइट्स, एएआई और वैपकोस सहित प्रमुख सीपीएसई के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशकों और निदेशकों ने सक्रिय भागीदारी की, जिन्होंने रणनीतिक रोडमैप, क्षमता निर्माण और उद्योग 4.0 के क्षेत्र-विशिष्ट अंगीकरण पर संवादात्मक चर्चा की। इसमें हुए विचार-विमर्श ने तेल एवं गैस, रेलवे, खनन, स्वास्थ्य, हथकरघा और बुनियादी ढाँचे जैसे प्रमुख क्षेत्रों में 4आईआर प्रौद्योगिकियों की प्रासंगिकता की पुष्टि की और कार्यक्रम के दौरान साझा किए गए डीपीई अवधारणा पत्र और अंगीकरण क्षमता मैट्रिक्स में इसका उल्लेख है।





