World Arthritis Day 2025: डाइट में शामिल करें ये जरूरी पोषक तत्व
बदलती जीवनशैली, गलत खानपान और शारीरिक निष्क्रियता ने हड्डियों की सेहत पर गहरा असर डाला है। अब केवल बुजुर्ग ही नहीं, बल्कि 30 वर्ष की उम्र के लोग भी जोड़ों के दर्द, सूजन और आर्थराइटिस की समस्या से जूझ रहे हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, संतुलित आहार और सही पोषक तत्वों का सेवन हड्डियों को उम्रभर मजबूत बनाए रख सकता है।
हड्डियों की मजबूती के लिए जरूरी है संतुलित डाइट
स्वास्थ्य विशेषज्ञ बताते हैं कि लंबे समय तक बैठे रहना, गलत मुद्रा और शारीरिक गतिविधियों की कमी जोड़ों के कार्टिलेज पर दबाव बढ़ाती है। इससे ऑस्टियोआर्थराइटिस जैसी समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है। आधुनिक जीवनशैली में लोग घंटों डेस्क पर या मोबाइल स्क्रीन पर झुके रहते हैं, जिससे रीढ़, घुटने और कूल्हों पर असर पड़ता है।
इसीलिए आवश्यक है कि डाइट में कुछ अहम पोषक तत्व शामिल किए जाएं जो हड्डियों को अंदर से मजबूत करें और जोड़ों की जकड़न या दर्द से सुरक्षा दें।
कैल्शियम – हड्डियों का सबसे जरूरी तत्व
कैल्शियम हड्डियों का मुख्य पोषक तत्व है। इसकी कमी से हड्डियां कमजोर होकर आसानी से टूटने लगती हैं।
ICMR की रिपोर्ट के अनुसार, 30 वर्ष की उम्र के बाद शरीर में कैल्शियम अवशोषण की क्षमता लगभग 20% तक घट जाती है। इसलिए दूध, दही, पनीर, बादाम, हरी पत्तेदार सब्जियों और तिल को नियमित रूप से भोजन में शामिल करें।
साथ ही, रोजाना 15–20 मिनट धूप में रहने से विटामिन-डी मिलता है जो कैल्शियम को हड्डियों में जमा करने में मदद करता है।
ओमेगा-3 फैटी एसिड – जोड़ों के दर्द में राहत
ओमेगा-3 में मौजूद एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण जोड़ों की सूजन और दर्द को कम करते हैं।
जर्नल ऑफ रूमेटोलॉजी के अध्ययन के अनुसार, जिन लोगों ने नियमित ओमेगा-3 सेवन किया, उनमें जोड़ों की सूजन में 30% तक कमी पाई गई।
इसकी पूर्ति के लिए आहार में फिश ऑयल, अलसी के बीज, अखरोट और चिया सीड्स को शामिल करें।
विटामिन-डी – कैल्शियम का साथी पोषक तत्व
विटामिन-डी हड्डियों में कैल्शियम के अवशोषण में मदद करता है और मांसपेशियों को भी मजबूत बनाता है।
WHO की रिपोर्ट बताती है कि भारत में 70% से अधिक लोगों में विटामिन-डी की कमी है।
कार्यालयों और घरों में लंबे समय तक रहने से सूरज की रोशनी के संपर्क में कमी आती है।
इसकी पूर्ति के लिए सुबह की धूप, अंडे की जर्दी, मशरूम, फोर्टिफाइड दूध और अनाज का सेवन करें।
जिंक – जोड़ों की मरम्मत में सहायक
जिंक शरीर में सूजन को नियंत्रित करने और जोड़ों के ऊतकों की मरम्मत में मदद करता है।
रिसर्च बताती है कि जिन लोगों में जिंक की कमी होती है, उनमें आर्थराइटिस के लक्षण ज्यादा गंभीर होते हैं।
इसके लिए मूंग दाल, कद्दू के बीज, काजू, साबुत अनाज और चने को डाइट में शामिल करें।
जीवनशैली में बदलाव भी जरूरी
सिर्फ सही डाइट ही नहीं, बल्कि शारीरिक सक्रियता, योग और सही मुद्रा में बैठना भी हड्डियों की सेहत के लिए महत्वपूर्ण है।
हर एक घंटे में थोड़ा टहलना, स्ट्रेचिंग करना और पर्याप्त पानी पीना जोड़ों को लचीला बनाए रखता है।
यह लेख केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। किसी भी स्वास्थ्य समस्या या उपचार के लिए हमेशा अपने चिकित्सक या विशेषज्ञ से सलाह लें।
