इटावा। थाना बकेवर क्षेत्र के दादरपुर गांव में एक शर्मनाक घटना सामने आई है, जहां केवल जाति के आधार पर एक कथा वाचक के साथ अमानवीय व्यवहार किया गया। बताया गया कि गांव निवासी संत सिंह यादव ने अपने स्तर पर श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन किया था। कथा वाचक स्वयं संत सिंह यादव ही थे। लेकिन जैसे ही कुछ ग्रामीणों को यह पता चला कि कथा वाचक ब्राह्मण नहीं बल्कि यादव हैं, तो स्थिति भयावह हो गई।
पीड़ित के मुताबिक, कथित ‘धार्मिक ठेकेदारों’ ने पहले उसका सार्वजनिक रूप से मुंडन कराया, फिर कथित रूप से एक महिला के मूत्र से उस पर “पवित्रता” के नाम पर छिड़काव किया। यही नहीं, उसे जमीन पर नाक रगड़ने तक मजबूर कर दिया गया। यह पूरा घटनाक्रम वीडियो में रिकॉर्ड हो गया, जो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ।
वीडियो वायरल होते ही पुलिस हरकत में आई। दो घंटे के भीतर पीड़ित की पहचान कर एफआईआर दर्ज की गई और तत्काल कार्रवाई करते हुए चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया। इनमें मुख्य आरोपी भी शामिल है, जिसने कथित रूप से पीड़ित के बाल काटे थे। पुलिस अधीक्षक ग्रामीण के अनुसार, घटना की गंभीरता को देखते हुए सुसंगत धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। आगे की जांच के आधार पर और भी गिरफ्तारी हो सकती है।
यह घटना सामाजिक समरसता और धार्मिक अधिकारों पर गंभीर सवाल खड़े करती है। क्या किसी जाति विशेष को ही धर्मग्रंथों के पाठ का अधिकार है, या फिर यह अधिकार हर नागरिक को है, अब यह बहस तेज हो गई है।
Author: Sweta Sharma
I am Sweta Sharma, a dedicated reporter and content writer, specializes in uncovering truths and crafting compelling news, interviews, and features.





