नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क: दिल से जुड़ी बीमारियां और हार्ट अटैक के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, खासकर युवा और वयस्कों में। हाल ही में मशहूर अष्टांग योग गुरु शरद जोइस का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। वह वर्जीनिया यूनिवर्सिटी के पास हाइकिंग कर रहे थे। 53 वर्षीय शरद जोइस अष्टांग योग के संस्थापक कृष्ण पट्टाभि जोइस के पोते थे और उन्होंने अष्टांग योग को वैश्विक स्तर पर प्रसिद्धि दिलाई।
इस घटना ने एक बार फिर सवाल उठाया है कि हाइकिंग जैसी शारीरिक गतिविधियां दिल पर क्या प्रभाव डाल सकती हैं। लंबी या कठिन चढ़ाई वाली हाइकिंग में हृदय की धड़कन तेजी से बढ़ जाती है, जिससे हार्ट पर अतिरिक्त तनाव पड़ता है। अगर इसे सावधानी से किया जाए तो यह हृदय स्वास्थ्य को लाभ भी पहुंचा सकती है, लेकिन इसके लिए कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना जरूरी है।
दिल पर हाइकिंग का प्रभाव
लंबी या कठिन चढ़ाई हाइकिंग के दौरान दिल की धड़कन तेज हो सकती है, जिससे दिल पर दबाव बढ़ता है। सामान्य परिस्थितियों में हाइकिंग दिल की सहनशक्ति को बढ़ाती है और ब्लड सर्कुलेशन सुधारती है, लेकिन कठिनाई और ऊंचाई की अधिकता दिल पर नकारात्मक असर डाल सकती है, खासकर उन लोगों के लिए जिन्हें पहले से हृदय संबंधी समस्या है।
हाइकिंग के दौरान इन बातों का रखें ध्यान
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डॉक्टर की सलाह लें: अगर आप पहली बार हाइकिंग करने जा रहे हैं या हृदय रोग से पीड़ित हैं, तो डॉक्टर की सलाह लेना जरूरी है।
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हल्के वॉर्म-अप से शुरुआत करें: हाइकिंग से पहले वॉर्म-अप करें ताकि दिल की धड़कन धीरे-धीरे बढ़े और हार्ट पर अचानक दबाव न पड़े।
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हाइड्रेटेड रहें: डिहाइड्रेशन से बचें, क्योंकि यह दिल पर अतिरिक्त दबाव डाल सकता है। हाइकिंग से पहले, दौरान, और बाद में खूब पानी पिएं।
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लक्षणों पर नजर रखें: सीने में दर्द, चक्कर आना, या सांस लेने में तकलीफ होने पर तुरंत रुकें और आराम करें।
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आसान रास्तों से शुरुआत करें: शुरुआती दिनों में कठिन रास्तों से बचें और जैसे-जैसे आपकी सहनशक्ति बढ़ती है, वैसे-वैसे कठिनाई बढ़ा सकते हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि अगर हाइकिंग का लाभ लेना है तो सुरक्षा का ध्यान रखना अनिवार्य है।

Author: Sweta Sharma
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