उत्तर प्रदेश के बहराइच में हाल ही में हुई हिंसा के बाद राज्य की योगी सरकार ने तेजी से आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है। इस हिंसा के सिलसिले में कई लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिससे राज्य सरकार द्वारा कानून-व्यवस्था को बनाए रखने की दिशा में उठाए गए कदमों का संकेत मिलता है।
हालांकि, इस कार्रवाई पर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल-मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख मौलाना अरशद मदनी ने नाराजगी जताई है। मौलाना मदनी ने कहा है कि राज्य सरकार की कार्रवाई एकतरफा है और इसमें केवल मुसलमानों को निशाना बनाया जा रहा है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि हिंसा के असली दोषियों को नजरअंदाज किया जा रहा है, जबकि निर्दोष लोगों को फंसाया जा रहा है।
मौलाना अरशद मदनी का बयान
मौलाना अरशद मदनी ने अपने बयान में कहा, “यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि बहराइच हिंसा के बाद सरकार ने एकतरफा कार्रवाई शुरू कर दी है। मुसलमानों को निशाना बनाया जा रहा है और उनके खिलाफ कठोर कदम उठाए जा रहे हैं। कानून सबके लिए समान होना चाहिए, लेकिन यहां ऐसा नहीं हो रहा है।”
सरकार का कड़ा रुख
उत्तर प्रदेश सरकार इस मामले में पूरी तरह से सतर्क है और किसी भी तरह की हिंसा को बर्दाश्त नहीं करने का संकेत दे चुकी है। राज्य सरकार के अधिकारियों ने साफ किया है कि जो भी हिंसा में शामिल होगा, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी, चाहे वह किसी भी समुदाय से हो।
राज्य पुलिस ने अब तक कई गिरफ्तारियां की हैं और हिंसा में शामिल लोगों की पहचान की जा रही है। अधिकारियों का कहना है कि इस मामले में निष्पक्ष जांच की जा रही है, और दोषियों को कड़ी सजा मिलेगी।
सियासी माहौल गरमाया
बहराइच की हिंसा और इसके बाद की सरकारी कार्रवाई से राज्य में सियासी माहौल गरमा गया है। विपक्षी दलों ने भी सरकार पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया है कि कार्रवाई में पक्षपात हो रहा है। मौलाना मदनी का बयान इस विरोध को और भी धार दे रहा है, जिससे राजनीतिक हलकों में चर्चा तेज हो गई है।
सरकार का कहना है कि वह राज्य में शांति और सौहार्द्र बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है और कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए कड़े कदम उठाने में संकोच नहीं करेगी।

Author: Sweta Sharma
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