मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के शासनकाल में गन्ना किसानों के लिए कई अहम फैसले लिए गए, जिससे न सिर्फ गन्ना और चीनी उत्पादन में वृद्धि हुई, बल्कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिली।
योगी सरकार की पहल पर मथुरा के छाता और गोरखपुर के पिपराइच में दो बड़े प्रोजेक्ट शुरू होने जा रहे हैं।
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छाता, मथुरा में बंद पड़ी चीनी मिल को फिर से शुरू किया जाएगा। इसकी क्षमता 2000 टीडीएस से बढ़ाकर 3000 टीडीएस की जाएगी, और भविष्य में इसे 4900 टीडीएस तक विस्तारित करने की योजना है।
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पिपराइच, गोरखपुर में 120 केपीएलडी की एथेनॉल डिस्टलरी स्थापित की जाएगी।
योगी सरकार के 8 वर्षों में गन्ना किसानों को रिकॉर्ड 2.80 लाख करोड़ रुपये का भुगतान किया गया।
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इस साल भी किसानों के बकाया का 88% भुगतान हो चुका है और शेष भी जल्द पूरा किया जाएगा।
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पिछली सरकारों (1995-2017) ने केवल 66,703 करोड़ रुपये का भुगतान किया था, जिससे किसान लंबे समय तक परेशान रहे।
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2025-26 के बजट में छाता की चीनी मिल और पिपराइच की एथेनॉल डिस्टलरी के लिए धन आवंटित किया गया है।
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90 करोड़ रुपये की लागत से पिपराइच में एथेनॉल डिस्टलरी की स्थापना की प्रक्रिया अंतिम चरण में है।
दोनों परियोजनाओं के लिए ई-निविदा प्रक्रिया जारी है, जो अगले महीने पूरी होते ही निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा। छाता की चीनी मिल का पुनः संचालन और पिपराइच की एथेनॉल डिस्टलरी गन्ना किसानों के लिए बड़ी सौगात साबित होगी।

Author: Sweta Sharma
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