संचार मित्र, यानी छात्र स्वयंसेवक, डिजिटल साक्षरता और दूरसंचार जागरूकता फैलाने में अग्रणी भूमिका निभाएंगे
पहले आउटरीच कार्यक्रम में, असम एलएसए ने असम राज्य के 18 प्रमुख इंजीनियरिंग कॉलेजों के साथ साझेदारी की
निश्चय टाइम्स, डेस्क। भारत सरकार के दूरसंचार विभाग (डीओटी) के क्षेत्रीय कार्यालय, असम एलएसए ने आज गुवाहाटी स्थित बीएसएनएल भवन में आईआईटी, आईआईआईटी, एनआईटी और असम के अन्य इंजीनियरिंग कॉलेजों सहित प्रमुख इंजीनियरिंग संस्थानों के प्रमुखों और प्रतिनिधियों के साथ एक संवादात्मक सत्र आयोजित किया। इस सत्र का मुख्य उद्देश्य हाल ही में शुरू की गई संचार मित्र योजना के बारे में जानकारी देना और उसका विस्तार करना था। इस अभिनव पहल का उद्देश्य नागरिकों और दूरसंचार इको-सिस्टम के बीच संचार प्रणाली की कमी को दूर करने के लिए छात्र स्वयंसेवकों को डिजिटल एम्बेसेडर के रूप में शामिल करना है। नई दिल्ली स्थित दूरसंचार महानिदेशालय में सलाहकार सुनीता चंद्रा ने इस सत्र की अध्यक्षता की। अपर महानिदेशक एवं असम एलएसए के प्रमुख सुरेश पुरी तथा दूरसंचार विभाग, नई दिल्ली के उप महानिदेशक (मीडिया) एवं प्रवक्ता हेमेन्द्र कुमार शर्मा ने योजना के उद्देश्यों एवं संरचना पर विस्तृत प्रस्तुतीकरण दिया।
मुख्य भाषण देते हुए, महानिदेशालय में सलाहकार सुनीता चंद्रा ने कहा, “इस प्रणाली का उद्देश्य दूरसंचार विभाग की पहलों, दूरसंचार सेवाओं और नागरिक-केंद्रित विभिन्न प्रयासों के बीच एक सेतु का निर्माण करना था। यह सुनिश्चित करना इसका उद्देश्य है कि हमारे उपयोगकर्ता, ग्राहक और आम जनता बेहतर ढंग से कार्य करें। हम विश्वविद्यालयों और कॉलेजों के युवा छात्रों की ऊर्जा और सेवाओं का लाभ भी उठाना चाहते हैं।”
सुरेश पुरी ने संचार मित्र योजना के तीन स्तंभों – ’कनेक्ट, एजुकेट, इनोवेट‘ – पर प्रकाश डालते हुए इस बात पर जोर दिया कि दूरसंचार के सुरक्षित, जिम्मेदार और समावेशी इस्तेमाल के लिए जन जागरूकता महत्वपूर्ण है। हेमेंद्र कुमार शर्मा ने डिजिटल क्रांति में दूरसंचार सेवाओं की भूमिका और भारत के उपभोक्ता से विभिन्न अत्याधुनिक दूरसंचार सेवाओं और उत्पादों के प्रदाता बनने के परिवर्तन पर प्रकाश डाला। उन्होंने विभिन्न डिजिटल धोखाधड़ी से आम नागरिकों की सुरक्षा के लिए जमीनी स्तर पर जन जागरूकता की आवश्यकता पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि इसी परिप्रेक्ष्य में ‘डिजिटल एम्बेसेडर’ के रूप में संचार मित्रों की भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो जाती है।
विभिन्न संस्थानों के प्रतिनिधियों ने चर्चाओं में सक्रिय रूप से भाग लिया और इस योजना से जुड़ने के लिए अत्यधिक उत्साह दिखाया। केंद्रीय संचार एवं पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने संशोधित ‘संचार मित्र योजना’ का शुभारंभ किया और इसे एक पायलट पहल से एक सशक्त, व्यापक और प्रोत्साहन-संचालित राष्ट्रीय आंदोलन में परिवर्तित कर दिया। यह योजना भारत की युवा शक्ति – छात्र स्वयंसेवकों – की शक्ति को दूरसंचार जागरूकता, साइबर सुरक्षा और डिजिटल सशक्तिकरण के जागरूक दूत बनाने के लिए तैयार की गई है। सिंधिया ने इस योजना को एक ऐसे दृष्टिकोण के रूप में वर्णित किया है जो चार ‘डी’ – लोकतंत्र, जनसांख्यिकी, डिजिटलीकरण और वितरण – में भारत के नेतृत्व का प्रतीक है।
