मेरठ: उत्तर प्रदेश के मेरठ में हेलीकॉप्टर लूट की सनसनीखेज खबर ने जब सबका ध्यान खींचा, तो पुलिस तुरंत हरकत में आई। लेकिन जांच के बाद इस मामले का असली सच सामने आ गया। हेलीकॉप्टर लूट की यह कहानी पूरी तरह से फर्जी निकली, जिसे पायलट ने रुपयों के लेनदेन के विवाद के चलते गढ़ा था।
एसएसपी मेरठ विपिन ताडा ने इस घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि 10 मई को परतापुर हवाई पट्टी पर किसी प्रकार की हेलीकॉप्टर लूट की घटना नहीं हुई थी। दरअसल, हेलीकॉप्टर के मालिक ने रिपेयरिंग न हो पाने पर परमिशन के साथ इसे वापस मंगवा लिया था। यह बात पायलट रविंद्र सिंह को नागवार गुजरी, जिसके बाद उन्होंने फर्जी लूट की शिकायत दर्ज करा दी।
रविंद्र सिंह ने एसएसपी मेरठ के कार्यालय में पहुंचकर आरोप लगाया था कि कुछ लोग जबरन हवाई पट्टी पर घुसे, हेलीकॉप्टर लूट लिया और उनके साथ मारपीट व गाली-गलौज भी की। एसएसपी ने मामले की जांच एएसपी ब्रह्मपुरी को सौंपी, जिसके बाद सच सामने आया।
पुलिस जांच में स्पष्ट हुआ कि हेलीकॉप्टर लूट जैसी कोई घटना नहीं हुई। हेलीकॉप्टर को रिपेयरिंग के लिए मेरठ लाया गया था, लेकिन तकनीकी दिक्कतों के चलते इसे वापस ले जाया गया। पायलट और हेलीकॉप्टर मालिक के बीच पहले से ही रुपयों के लेनदेन का विवाद चल रहा था, जिसके कारण पायलट ने यह फर्जी कहानी रची।
पुलिस ने मामले की तह तक जाने के बाद बताया कि दोनों पक्षों के बीच पहले भी थाना परतापुर में समझौता हो चुका था, लेकिन समझौते की शर्तें पूरी न होने के चलते पायलट ने यह कदम उठाया। फिलहाल, पुलिस इस मामले की गहन जांच कर रही है।

Author: Sweta Sharma
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