भारत और वेस्टइंडीज के बीच दिल्ली के अरुण जेटली स्टेडियम में खेले जा रहे दूसरे टेस्ट मैच के दूसरे दिन भारतीय टीम को बड़ा झटका लगा, जब शानदार फॉर्म में चल रहे यशस्वी जायसवाल रन आउट हो गए। वह अपने करियर के पहले दोहरे शतक के बेहद करीब थे, लेकिन शुभमन गिल के साथ तालमेल में कमी के कारण 175 रन बनाकर पवेलियन लौटना पड़ा। उनके आउट होते ही स्टेडियम में सन्नाटा छा गया और यशस्वी खुद भी बेहद निराश नजर आए।
पहले दिन यशस्वी ने शानदार बल्लेबाजी करते हुए 173 रन नाबाद बनाए थे और दूसरे दिन जब उन्होंने पारी आगे बढ़ाई तो सबको उम्मीद थी कि वह दोहरा शतक जरूर पूरा करेंगे। लेकिन, दूसरे दिन की सुबह जेडन सील्स की गेंद पर उन्होंने स्ट्राइक रोटेट करने की कोशिश की। यशस्वी ने गेंद को कवर की ओर खेला और रन लेने के लिए दौड़ पड़े। वे आधी क्रीज पार कर चुके थे, लेकिन तभी शुभमन गिल अचानक पीछे लौट गए। नॉन-स्ट्राइकर छोर पर गेंद पहुंचने से पहले यशस्वी क्रीज तक नहीं पहुंच पाए और रन आउट हो गए।
रन आउट होने के बाद यशस्वी बेहद नाराज और निराश दिखाई दिए। उन्होंने गिल की ओर नाराजगी भरी नजरों से देखा और पवेलियन की ओर लौट गए। ड्रेसिंग रूम में भी वे काफी देर तक चुपचाप बैठे रहे। इस घटना ने भारतीय ड्रेसिंग रूम का माहौल कुछ समय के लिए गंभीर बना दिया।
भारत ने दिन की शुरुआत दो विकेट पर 318 रन से की थी और उम्मीद की जा रही थी कि यशस्वी लंबी पारी खेलकर भारत को विशाल स्कोर तक पहुंचाएंगे। लेकिन गिल के गलत कॉल के कारण टीम को तीसरा बड़ा झटका लग गया।
हालांकि, यशस्वी ने भले ही दोहरा शतक नहीं बनाया हो, मगर उन्होंने एक नया रिकॉर्ड अपने नाम किया। रन आउट होकर सर्वोच्च व्यक्तिगत स्कोर बनाने वाले भारतीय बल्लेबाजों में अब यशस्वी चौथे स्थान पर आ गए हैं। उनसे पहले संजय मांजरेकर (218 बनाम पाकिस्तान, 1989), वीरेंद्र सहवाग (195 बनाम ऑस्ट्रेलिया, 2008) और विजय हजारे (155 बनाम इंग्लैंड, 1951) का नाम इस सूची में शामिल है।
यशस्वी जायसवाल की यह पारी उनकी प्रतिभा और धैर्य की मिसाल थी। हालांकि दोहरे शतक से चूकने का अफसोस रहेगा, लेकिन उनका यह प्रदर्शन आने वाले मैचों में उनके आत्मविश्वास को और मजबूत करेगा।
