सीतापुर के तीर्थक्षेत्र क्षेत्र में उस समय सनसनी फैल गई, जब जंगल से दो युवकों के कंकाल बने शव पेड़ों से लटके मिले। मृतक सतना जिले के कोलगवां थाना अंतर्गत नई बस्ती निवासी जितेंद्र और वीरेंद्र यादव थे, जो 28 जनवरी से लापता थे। हैरान करने वाली बात यह है कि मृतकों की मां लगातार पुलिस से मदद की गुहार लगाती रही, लेकिन उसे केवल दुत्कार और भटकाव मिला। इन दोनों भाइयों की गुमशुदगी की रिपोर्ट 31 जनवरी को कोलगवां थाने में दर्ज कराई गई थी। मां गोलहरी का आरोप है कि ढाई महीने तक पुलिस ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया, उल्टा गाली-गलौज कर भगा दिया गया। अब जब 16 अप्रैल को तीर्थक्षेत्र के गोदावरी मोड़ के जंगल में उनके कंकाल पेड़ों से लटके मिले, तो पूरे इलाके में खौफ और गुस्सा दोनों फैल गया।
परिजनों ने अपने बेटों की शिनाख्त कपड़ों से की, और साफ तौर पर इसे हत्या बताया। पुलिस अब तक यह तय नहीं कर पाई है कि ये आत्महत्या थी या साजिशन हत्या। शवों की हालत देखकर जांच में मुश्किलें भी सामने आ रही हैं। यह पहला मामला नहीं है जब तीर्थक्षेत्र में ऐसी खौफनाक वारदात हुई हो। 2019 में तेल व्यापारी बृजेश रावत के जुड़वां बेटों श्रेयांश और प्रियांश की अपहरण के बाद हत्या कर दी गई थी। पत्थर बांधकर बच्चों को नदी में फेंक दिया गया था। पांच आरोपियों को दोहरी उम्रकैद मिली थी।

Author: Sweta Sharma
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