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हरियाणा कांग्रेस में गहराती अंदरूनी कलह, नाराज कुमारी शैलजा ने छोड़ी कैंपेनिंग

हरियाणा कांग्रेस में अंदरूनी कलह की खबरें तेज हो गई हैं। वरिष्ठ नेता कुमारी शैलजा, पार्टी की गतिविधियों से नाराज होकर, चुनावी कैंपेनिंग से दूर हो गई हैं। सूत्रों के मुताबिक, नाराजगी की वजह पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा गुट के नेताओं को टिकट वितरण में मिली प्राथमिकता है। पार्टी की ओर से हुड्डा समर्थकों को प्रमुखता दी गई, जिससे शैलजा और उनके समर्थक नाराज हैं।

क्या है नाराजगी की असल वजह?
सूत्रों के मुताबिक, टिकट वितरण में कुमारी शैलजा की अनदेखी की गई। शैलजा खुद उकलाना सीट से चुनाव लड़ना चाहती थीं, लेकिन पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया। इसके बजाय पार्टी ने उनके भतीजे हर्ष को टिकट देने का प्रस्ताव रखा, जिसे शैलजा ने अस्वीकार कर दिया। कांग्रेस की उम्मीदवारों की लिस्ट में 90 में से केवल 7 उम्मीदवार शैलजा के करीबी माने जा रहे हैं, जबकि 78 से अधिक टिकट भूपेंद्र सिंह हुड्डा के समर्थकों को दिए गए। इसके अलावा, रणदीप सुरजेवाला के गुट से भी कुछ उम्मीदवार चुने गए हैं, जबकि कुछ नाम आलाकमान द्वारा तय किए गए हैं।

हुड्डा गुट को मिली प्राथमिकता
इस चुनाव में हुड्डा गुट को सबसे अधिक वरीयता दी गई है, जिससे अन्य धड़े असंतुष्ट हैं। 90 विधानसभा सीटों में से अधिकांश टिकट हुड्डा के समर्थकों को दिए गए हैं, जिससे पार्टी में असंतोष बढ़ रहा है। यह भी कहा जा रहा है कि शैलजा के कई समर्थकों को जानबूझकर नजरअंदाज किया गया है, जिससे उनके धड़े के भीतर निराशा फैल रही है।

भूपेंद्र हुड्डा का बयान
हाल ही में इंडिया टीवी से बातचीत के दौरान भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने स्पष्ट किया था कि हरियाणा में कांग्रेस और बीजेपी के बीच सीधा मुकाबला है। उन्होंने कांग्रेस की जीत का दावा करते हुए कहा था कि “लोकसभा चुनावों में बीजेपी आधी रह गई थी, और विधानसभा में पूरी तरह साफ हो जाएगी।” हुड्डा ने अपनी पार्टी के भीतर चल रही कलह को लेकर कहा कि कांग्रेस में कोई मनभेद नहीं है, और जो भी फैसला पार्टी का होगा, उसे सब मानेंगे।

शैलजा की नाराजगी का राजनीतिक प्रभाव
कुमारी शैलजा की नाराजगी पार्टी के लिए बड़ा झटका साबित हो सकती है, क्योंकि वह पार्टी के बड़े चेहरों में से एक हैं और राज्य में उनका जनाधार भी मजबूत है। पार्टी के भीतर हुड्डा के बढ़ते वर्चस्व और शैलजा की नाराजगी से चुनावी कैंपेन पर असर पड़ सकता है।

आने वाले समय में देखना होगा कि कांग्रेस आलाकमान इस अंदरूनी कलह को कैसे संभालता है, और क्या कुमारी शैलजा की नाराजगी को दूर किया जा सकेगा, या पार्टी को इसके परिणाम भुगतने पड़ेंगे।

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Sweta Sharma
Author: Sweta Sharma

I am Sweta Sharma, a dedicated reporter and content writer, specializes in uncovering truths and crafting compelling news, interviews, and features.

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