वाशिंगटन डीसी: अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के दौरान अरबपति एलन मस्क एक नए विवाद में फंस गए हैं। उन्होंने घोषणा की है कि 5 नवंबर को होने वाले चुनाव तक, हर दिन सात स्विंग स्टेट्स के किसी एक रजिस्टर्ड वोटर को 10 लाख अमेरिकी डॉलर (करीब साढ़े आठ करोड़ रुपये) दिए जाएंगे। मस्क की यह योजना डोनाल्ड ट्रंप के समर्थन में काम करने वाले उनके ‘अमेरिका PAC’ ग्रुप के तहत चलाई जा रही है, और इसमें रजिस्टर्ड वोटर्स से याचिका पर दस्तख़त कराने की शर्त रखी गई है।
रजिस्ट्रेशन और रेफरल पर नकद इनाम
मस्क के इस विवादास्पद अभियान के तहत पेंसिलवेनिया में जो वोटर्स याचिका पर हस्ताक्षर करते हैं, उन्हें 100 डॉलर मिलेंगे। इसके अलावा, अगर वे किसी अन्य व्यक्ति को इस योजना से जोड़ते हैं, तो उन्हें अतिरिक्त 100 डॉलर दिए जा रहे हैं। वहीं, बाकी स्विंग स्टेट्स में रेफरल पर 47 डॉलर का इनाम रखा गया है।
कानूनी विवाद और राजनीतिक आलोचना
मस्क की इस योजना को लेकर राजनीतिक विशेषज्ञों ने चिंता जताई है। कुछ का मानना है कि यह वोटर्स को रजिस्ट्रेशन के लिए प्रोत्साहित करने का अवैध तरीका हो सकता है। पेंसिलवेनिया के डेमोक्रेटिक गवर्नर जोश शापीरो ने इस योजना को चिंताजनक बताते हुए इसकी जांच की मांग की है। उन्होंने कहा कि यह योजना चुनावी प्रक्रिया की निष्पक्षता पर सवाल खड़ा करती है और इस पर ध्यान दिया जाना जरूरी है।
स्विंग स्टेट्स का चुनाव में महत्व
स्विंग स्टेट्स अमेरिकी चुनावों में अहम भूमिका निभाते हैं, क्योंकि यहां की जनता का वोटिंग पैटर्न निर्णायक हो सकता है। मस्क की योजना का मुख्य उद्देश्य इन राज्यों के वोटर्स को अपने पक्ष में लाना है, जो चुनाव के नतीजों पर बड़ा प्रभाव डाल सकते हैं।
मस्क की इस योजना ने अमेरिकी राजनीति में नई बहस छेड़ दी है, और कई लोग इस पर कानूनी कार्रवाई की संभावनाएं भी देख रहे हैं। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि मस्क के इस अभियान का चुनाव पर क्या असर पड़ता है, और क्या यह कानूनी जांच के दायरे में आता है।

Author: Sweta Sharma
I am Sweta Sharma, a dedicated reporter and content writer, specializes in uncovering truths and crafting compelling news, interviews, and features.