नई दिल्ली: अरविंद केजरीवाल के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद दिल्ली की आर्थिक स्थिति पर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। दिल्ली प्रदेश बीजेपी ने दावा किया है कि राजधानी का सरकारी खजाना खाली होने के कगार पर है, और सरकार के पास अपने कर्मचारियों, विशेष रूप से शिक्षकों, को दिसंबर की सैलरी देने के लिए भी पैसे नहीं हैं। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के हवाले से कहा जा रहा है कि 31 साल में पहली बार दिल्ली सरकार घाटे में है। इस मुद्दे पर बीजेपी और आम आदमी पार्टी (AAP) के बीच तीखी बयानबाजी हो रही है।
बीजेपी का आरोप: दिल्ली सरकार आर्थिक संकट में
दिल्ली बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने आरोप लगाया कि अरविंद केजरीवाल की सरकार की आर्थिक कुप्रबंधन की वजह से राजधानी आर्थिक संकट में घिर गई है। उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार की खराब नीतियों का नतीजा यह है कि सरकार के पास अपने कर्मचारियों की सैलरी देने के लिए भी पैसा नहीं बचा है। सचदेवा ने दावा किया कि 2024 का बजट घाटे का है, और सरकार बिना आर्थिक संसाधन जुटाए कई योजनाएं शुरू कर रही है। उन्होंने कहा, “त्योहार के इस मौसम में दिल्ली सरकार ने दिल्लीवासियों को संकट में धकेल दिया है।”
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सरकार ने नगर निगम और बस मार्शलों को एक साल तक धोखा दिया और जनता के हितों की बजाय अपने निजी स्वार्थों को प्राथमिकता दी। सचदेवा ने यह भी कहा कि कई सरकारी प्रोजेक्ट्स के लिए बजट आवंटित नहीं किया गया और भ्रष्टाचार की वजह से सरकारी खर्चे कई गुना बढ़ गए हैं।
सौरभ भारद्वाज का जवाब: बीजेपी का सपना अधूरा रहेगा
बीजेपी के इन आरोपों पर आप सरकार के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कड़ा जवाब दिया। उन्होंने कहा कि बीजेपी का यह सपना कभी पूरा नहीं होगा कि दिल्ली सरकार घाटे में चली जाए। उन्होंने कहा, “दिल्ली सरकार के पास पर्याप्त राजस्व है और हम अपनी सभी योजनाओं को जारी रखेंगे।” भारद्वाज ने भाजपा पर पलटवार करते हुए कहा कि भाजपा शासित सभी राज्य भारी घाटे में हैं और बीजेपी दिल्ली सरकार की सफलता को पचा नहीं पा रही है।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कुछ अधिकारियों की कोशिश है कि दिल्ली सरकार को घाटे में दिखाया जाए, लेकिन यह संभव नहीं होगा। उन्होंने दिल्ली सरकार की योजनाओं की सफलता का जिक्र करते हुए कहा कि हम जनता के हित में काम करते रहेंगे।
आर्थिक स्थिति को लेकर बढ़ता विवाद
दिल्ली की आर्थिक स्थिति को लेकर यह विवाद आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर और भी तीखा हो सकता है। बीजेपी ने जहां केजरीवाल सरकार पर आर्थिक कुप्रबंधन का आरोप लगाया है, वहीं आप ने इसे बीजेपी का प्रोपेगैंडा करार दिया है। आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि इस विवाद का क्या असर दिल्ली की राजनीति और जनता पर पड़ेगा।

Author: Sweta Sharma
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