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दिल्ली को मिल सकता है पहला अनुसूचित जाति का मुख्यमंत्री: आतिशी और कुलदीप कुमार दावेदारों की दौड़ में

दिल्ली की राजनीति में बड़ा बदलाव आने की संभावना है, क्योंकि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के इस्तीफे की घोषणा के बाद यह कयास लगाए जा रहे हैं कि दिल्ली को अपना पहला अनुसूचित जाति (SC) से मुख्यमंत्री मिल सकता है। पार्टी सूत्रों के अनुसार, आम आदमी पार्टी (AAP) अनुसूचित जाति समुदाय से आने वाले कुलदीप कुमार को मुख्यमंत्री पद के लिए चुन सकती है। इस फैसले का न केवल दिल्ली विधानसभा चुनाव पर, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर हरियाणा और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में भी बड़ा असर पड़ सकता है।
 अनुसूचित जाति के वोट बैंक पर नजर
हरियाणा और महाराष्ट्र में अनुसूचित जाति के मतदाताओं की महत्वपूर्ण संख्या को देखते हुए, AAP इस समुदाय से मुख्यमंत्री बनाकर अपने राजनीतिक संदेश को मजबूती से रख सकती है। हरियाणा में 21 फीसदी मतदाता अनुसूचित जाति समुदाय से आते हैं और 17 सीटें आरक्षित हैं। महाराष्ट्र में 29 आरक्षित सीटें हैं, जिनमें अनुसूचित जाति के 13 फीसदी वोटर हैं। इस फैसले से AAP को इन राज्यों में अपनी पकड़ मजबूत करने में मदद मिल सकती है, खासकर 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले।
कुलदीप कुमार की दावेदारी
कुलदीप कुमार, जो वाल्मीकि समुदाय से आते हैं और पूर्वी दिल्ली से विधायक हैं, अरविंद केजरीवाल के करीबी माने जाते हैं। AAP ने पहले भी लोकसभा चुनाव में एससी कार्ड खेलते हुए कुलदीप कुमार पर दांव लगाया था। उनके नाम पर विचार करना पार्टी की रणनीति का हिस्सा हो सकता है, जो दिल्ली की 12 आरक्षित सीटों पर उनकी पकड़ मजबूत करेगा।
 आतिशी की मजबूत दावेदारी
मौजूदा मंत्री आतिशी भी मुख्यमंत्री पद की रेस में एक प्रमुख दावेदार के रूप में उभरी हैं। उनके पास सरकार में काम करने का अनुभव है, और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल उन पर भरोसा करते हैं। तिरंगा फहराने से लेकर महिला सम्मान योजना को लागू करने तक, आतिशी के पास दिल्ली सरकार में प्रभावशाली भूमिका निभाने का अनुभव है। आतिशी का नाम मुख्यमंत्री पद के लिए इसलिए भी चर्चा में है क्योंकि उन्होंने केजरीवाल के जेल में रहने के दौरान दिल्ली सरकार से जुड़े महत्वपूर्ण निर्णयों का फीडबैक लिया था।
सौरभ भारद्वाज भी दौड़ में
सौरभ भारद्वाज का नाम भी मुख्यमंत्री पद के दावेदारों में शामिल है। वह पार्टी के वरिष्ठ नेताओं में से एक हैं और दिल्ली सरकार में पहले भी महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभा चुके हैं।
क्या दिल्ली को मिलेगा पहला SC मुख्यमंत्री?
दिल्ली में अभी तक सात मुख्यमंत्री बने हैं, लेकिन इनमें से कोई भी अनुसूचित जाति समुदाय से नहीं था। इस बार, AAP अनुसूचित जाति से मुख्यमंत्री बनाकर दिल्ली की राजनीति में नया अध्याय लिख सकती है। अगर ऐसा होता है, तो यह पार्टी की अनुसूचित जाति समुदाय को प्राथमिकता देने की रणनीति का हिस्सा होगा, जो आने वाले चुनावों में अहम साबित हो सकता है।
अगले दो दिनों में फैसला
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दो दिनों का समय मांगा है ताकि पार्टी के भीतर सभी नेताओं के बीच सहमति बनाई जा सके। पार्टी नेतृत्व अगले दो दिनों में नए मुख्यमंत्री के नाम का चयन करेगा, जो आगामी विधानसभा चुनावों में पार्टी का चेहरा बनेगा।
इस राजनीतिक कदम से AAP न केवल दिल्ली की राजनीति में, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी स्थिति को मजबूत करने की कोशिश करेगी।

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Sweta Sharma
Author: Sweta Sharma

I am Sweta Sharma, a dedicated reporter and content writer, specializes in uncovering truths and crafting compelling news, interviews, and features.

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