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बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार के खिलाफ दिल्ली में प्रदर्शन, उच्चायुक्त को सौंपा ज्ञापन

बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार के विरोध में मंगलवार को सिविल सोसाइटी ऑफ दिल्ली और 200 से अधिक सामाजिक-सांस्कृतिक संगठनों ने बांग्लादेश उच्चायोग पर प्रदर्शन किया। इसके बाद बांग्लादेश उच्चायुक्त को ज्ञापन सौंपा गया।
अल्पसंख्यकों पर हमले का विरोध
सिविल सोसाइटी ने कहा कि बांग्लादेश में इस्लामिक कट्टरपंथियों द्वारा हिंदुओं, बौद्धों, ईसाइयों और अन्य अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया जा रहा है।
  • मानवाधिकार हनन: प्रदर्शनकारियों ने बांग्लादेश में हो रहे मानवाधिकारों के उल्लंघन और धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ जारी हिंसा की कड़ी निंदा की।
  • भारत-बांग्लादेश संबंध: ज्ञापन में बांग्लादेश की स्वतंत्रता संग्राम में भारतीय योगदान का उल्लेख करते हुए कहा गया कि दोनों देशों के सौहार्दपूर्ण संबंध बनाए रखने के लिए अल्पसंख्यकों की सुरक्षा अनिवार्य है।
मार्च और संबोधन
यह विरोध मार्च तीन मूर्ति चौक से शुरू होकर चाणक्यपुरी थाना पर समाप्त हुआ। मार्च में समाज के विभिन्न वर्गों से सैकड़ों लोग शामिल हुए।
मंच पर साध्वी ऋतंभरा, इस्कॉन के केशव मुरारी, पूर्व उच्चायुक्त वीणा सिकरी, सुप्रीम कोर्ट वकील प्रियदर्शनी, और अन्य प्रमुख व्यक्तियों ने अपने विचार रखे।
  • साध्वी ऋतंभरा का संदेश: उन्होंने कहा,

    “हमारी करुणा को कायरता न समझें। हिंदू समाज महिलाओं का अपमान और धार्मिक उत्पीड़न सहन नहीं करेगा।”

     

अंतरराष्ट्रीय अपील
प्रमुख वक्ताओं ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की कि बांग्लादेश में हो रहे अत्याचारों को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।
  • धार्मिक सह-अस्तित्व का अधिकार: ज्ञापन में मांग की गई कि हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों को शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व का अधिकार मिलना चाहिए।
स्थिति की गंभीरता
प्रदर्शन में कहा गया कि 5 अगस्त 2024 के बाद से बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों की स्थिति तेजी से बिगड़ी है।
  • हिंसा की समाप्ति की मांग: ज्ञापन में अल्पसंख्यकों के मानवाधिकारों की रक्षा और हिंसा को समाप्त करने की अपील की गई।
1971 की स्मृतियां और वर्तमान हालात
प्रदर्शनकारियों ने 1971 के बांग्लादेश मुक्ति संग्राम की याद दिलाई, जब भारतीय सैनिकों ने बांग्लादेशी लोगों के साथ मिलकर हिंसा और शोषण के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी। वक्ताओं ने कहा कि आज बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा फिर से खतरे में है। इस प्रदर्शन का उद्देश्य बांग्लादेश में हो रहे अत्याचारों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंच पर उजागर करना और अल्पसंख्यकों के मानवाधिकारों की रक्षा के लिए प्रयास करना था।
Sweta Sharma
Author: Sweta Sharma

I am Sweta Sharma, a dedicated reporter and content writer, specializes in uncovering truths and crafting compelling news, interviews, and features.

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