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JPNIC Center Controversy:अखिलेश यादव का ड्रीम प्रोजेक्ट, 813 करोड़ की लागत से बना, अब बदहाल

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी में स्थित जय प्रकाश नारायण अंतर्राष्ट्रीय केंद्र (जेपीएनआईसी) इन दिनों विवादों में है। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव का यह ड्रीम प्रोजेक्ट, जिसकी निर्माण प्रक्रिया 2013 में सपा सरकार के दौरान शुरू हुई थी, आज खंडहर में तब्दील होता जा रहा है। 813 करोड़ रुपये की लागत से बना यह केंद्र अब राजनीतिक संघर्ष का केंद्र बन गया है, जहां टीन शेड लगाए जाने और पुलिस तैनाती ने सियासी तापमान बढ़ा दिया है।
अखिलेश यादव का ड्रीम प्रोजेक्ट
जेपीएनआईसी अखिलेश यादव का ड्रीम प्रोजेक्ट रहा है। इसे सपा सरकार ने 2013 में शुरू किया था और 2016 तक इस भव्य इमारत पर 813 करोड़ रुपये खर्च किए गए। 11 अक्तूबर 2016 को अखिलेश यादव ने इस परियोजना के स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स का उद्घाटन किया था, जहां ऑल वेदर ओलंपिक साइज स्विमिंग पूल और मल्टीपर्पज कोर्ट का निर्माण किया गया। हालांकि, उद्घाटन के बाद इस कॉम्प्लेक्स को फिर से बंद कर दिया गया।
केंद्र में जय प्रकाश नारायण की एक भव्य प्रतिमा भी लगाई गई है, जो समाजवादी विचारधारा के प्रतीक हैं। यहां हर साल समाजवादी कार्यक्रम आयोजित होते रहे हैं, लेकिन अब इस परियोजना की हालत बिगड़ती जा रही है।
सीलिंग और सपा का गुस्सा
जेपीएनआईसी के गेट पर टिन शेड लगाए जाने के बाद सपा कार्यकर्ताओं का गुस्सा फूट पड़ा। अखिलेश यादव को जयप्रकाश नारायण की जयंती पर यहां श्रद्धांजलि देने आना था, लेकिन केंद्र को सील कर दिया गया। सपा प्रमुख ने इस पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह सरकार की साजिश है। अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया पर वीडियो साझा करते हुए लिखा, “किसी को नमन करने या श्रद्धांजलि देने से रोकना सभ्य समाज की निशानी नहीं है।”
खंडहर में तब्दील होता जेपीएनआईसी
सपा की सरकार जाने के बाद जनता के खून-पसीने की कमाई से बनी 813 करोड़ रुपये की यह इमारत धीरे-धीरे खंडहर में तब्दील हो रही है। लैंडस्केपिंग अब जंगल का रूप ले चुकी है, और स्पोर्ट्स ब्लॉक समेत अन्य हिस्से बर्बाद हो चुके हैं। कन्वेंशन ब्लॉक, पार्किंग ब्लॉक और म्यूजियम ब्लॉक की हालत भी खराब हो गई है। मुख्य बिल्डिंग के टाइल्स भी कई जगहों से टूट चुके हैं, जिससे यह भव्य परियोजना बदहाली का प्रतीक बन गई है।
अखिलेश यादव का आरोप
जेपीएनआईसी की दुर्दशा को लेकर अखिलेश यादव का कहना है कि सरकार इसे छिपाने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा, “कहीं ऐसा तो नहीं कि इसे बेचने की तैयारी हो रही है?” उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार की मंशा है कि इस परियोजना को किसी बड़े उद्योगपति को सौंप दिया जाए।
अब यह देखना होगा कि जेपीएनआईसी का भविष्य क्या होता है, लेकिन फिलहाल यह राजनीतिक विवाद का केंद्र बन गया है, और इसके बदहाल स्वरूप ने इस ड्रीम प्रोजेक्ट की सच्चाई को सामने ला दिया है।
Sweta Sharma
Author: Sweta Sharma

I am Sweta Sharma, a dedicated reporter and content writer, specializes in uncovering truths and crafting compelling news, interviews, and features.

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