लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजनीति में जय प्रकाश नारायण इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर (JPNIC) को लेकर सियासी घमासान छिड़ गया है। समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने योगी आदित्यनाथ सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है, जिसकी वजह JPNIC को लेकर चल रहा विवाद है।
क्या है JPNIC विवाद?
JPNIC, लखनऊ में स्थित एक बहुउद्देशीय कन्वेंशन सेंटर है, जिसे अखिलेश यादव का ड्रीम प्रोजेक्ट माना जाता है। इसका निर्माण 2016 में सपा सरकार के दौरान शुरू हुआ था, जिसमें 864 करोड़ रुपये का खर्च सामने आया। महज एक साल में इसका 80% काम पूरा हो गया था, लेकिन 2018 में योगी सरकार के सत्ता में आने के बाद इस प्रोजेक्ट का काम रोक दिया गया।
अखिलेश यादव की नाराजगी
JPNIC का मुख्य द्वार तब सील कर दिया गया जब अखिलेश यादव वहां माल्यार्पण के लिए जाने वाले थे। इसके अलावा, उनके घर के बाहर भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया। इस कार्रवाई से नाराज अखिलेश यादव ने सरकार पर हमला बोला और इसे राजनीतिक दुर्भावना का परिणाम बताया। उन्होंने आरोप लगाया कि योगी सरकार जानबूझकर इस परियोजना को बाधित कर रही है।
JPNIC की खासियत
JPNIC कई मायनों में विशेष है। इस प्रोजेक्ट में जय प्रकाश नारायण से संबंधित एक म्यूजियम, 100 कमरों का गेस्ट हाउस, ऑल वेदर स्वीमिंग पूल, टेनिस लॉन, बैडमिंटन कोर्ट, और छत पर हेलीपैड जैसी सुविधाएं शामिल हैं। इसके परिसर में जय प्रकाश नारायण की एक विशाल प्रतिमा भी है, जिस पर अखिलेश यादव माल्यार्पण करने आने वाले थे।
योगी सरकार का रुख
योगी सरकार का दावा है कि सपा सरकार ने इस परियोजना में धांधली की है, और लखनऊ विकास प्राधिकरण इस मामले की जांच कर रहा है। 2018 से ही JPNIC का निर्माण कार्य रोक दिया गया है, जिससे कन्वेंशन सेंटर की महंगी टाइल्स पर घास उग आई है। हालांकि, सरकार की ओर से इस मामले में अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।
राजनीतिक लड़ाई का मोर्चा
इस विवाद ने उत्तर प्रदेश में राजनीतिक तापमान को बढ़ा दिया है। अखिलेश यादव ने इसे अपनी सरकार के कामों को निशाना बनाने की साजिश करार दिया है, जबकि योगी सरकार ने भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते प्रोजेक्ट को रोके जाने का तर्क दिया है। आने वाले दिनों में यह मुद्दा राज्य की राजनीति में और उबाल ला सकता है, खासकर जब सपा और बीजेपी के बीच पहले से ही तीखी राजनीतिक प्रतिस्पर्धा चल रही है।
JPNIC विवाद अब राज्य में एक बड़े राजनीतिक संघर्ष का रूप ले चुका है, और दोनों पक्षों की बयानबाजी से यह मुद्दा और भी गर्माता दिख रहा है।
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Author: Sweta Sharma
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